इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में कोरोना मरीजों की हो रही मौतों के खिलाफ माले का राज्यव्यापी वर्चुअल प्रतिवाद

ऑक्सीजन के लिए चारों ओर हाहाकार मचा है, इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में रोजाना सैकड़ों लाशें बिछ रही हैं, कोरोना की इस दूसरी लहर के सुनामी बन जाने के पीछे सरकार की अदूरदर्शिता और बीते एक साल के दौरान कोई तैयारी नहीं करना प्रमुख कारण है...

Update: 2021-04-24 14:31 GMT

photo : social media

लखनऊ, जनज्वार। कोरोना लहर के सुनामी बन जाने और इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में तड़पते मरीजों की थम रही सांसों के लिए सरकार की आपराधिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए भाकपा (माले) रविवार 25 अप्रैल को राज्यव्यापी वर्चुअल प्रतिवाद करेगी।

राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि लगभग साढ़े तीन लाख प्रतिदिन नए संक्रमित मरीजों के सामने आने से भारत विश्व का सर्वाधिक कोरोना प्रभावित देश बन चुका है। यूपी और राजधानी लखनऊ की हालत नियंत्रण से बाहर है। गंभीर मरीजों को लिये परिवारीजन अस्पताल दर अस्पताल भटक रहे हैं, लेकिन भर्ती के लिए अस्पताल और बेड नहीं हैं।

ऑक्सीजन के लिए चारों ओर हाहाकार मचा है। इलाज और ऑक्सीजन के अभाव में रोजाना सैकड़ों लाशें बिछ रही हैं। कोरोना की इस दूसरी लहर के सुनामी बन जाने के पीछे सरकार की अदूरदर्शिता और बीते एक साल के दौरान कोई तैयारी नहीं करना प्रमुख कारण है।

माले नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी कोरोना को लेकर सिर्फ जुबानी जमाखर्च कर रहे हैं। उनके द्वारा रोजाना दिए जा रहे निर्देशों का न तो कोई असर हो रहा है, न ही उससे हालात कोई बेहतर हो रहे हैं। कोरोना व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा गठित शीर्ष 11 के समूह की बैठकों का भी कोई मतलब नहीं रह गया है। यह सिर्फ प्रचारात्मक होकर रह गया है। मुख्यमंत्री रेमडीसिविर इंजेक्शन सहित किसी चीज का कोई अभाव न होने का बयान देकर अपनी विफलताओं को छुपाने और अपनों को खो चुके परिजनों के आंसू पोछने की जगह उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि यदि सरकार गुजरे एक साल में कोरोना मरीजों की जिंदगियां बचाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने और जरूरी मेडिकल संसाधनों को जुटाने पर काम की होती तो आज ये दुर्दिन नहीं देखने पड़ते।

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