मुंबई मार्च: किसानों ने ज्ञापन फाड़ा, शरद पवार बोले-राज्यपाल के पास कंगना से मिलने का वक्त पर किसानों के लिए नहीं

मोर्चा अब आजाद मैदान में जाकर रुकेगा, वहां गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण के बाद सभी किसान अपने-अपने घर जाएंगे, किसानों ने अडानी-अंबानी के उत्पादों के बहिष्कार की बात भी कही है..

Update: 2021-01-25 12:31 GMT

(File photo)

जनज्वार। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बार्डरों पर 61 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच आज मुंबई में भी भारी संख्या में किसान रैली करने पहुंचे हैं। महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से ये किसान रविवार से ही मुंबई पहुंचने लगे थे।

मुंबई के आजाद मैदान में किसानों को एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी संबोधित किया। वहीं राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे किसानों को जब यह पता चला कि वे मुंबई में नहीं हैं तो नाराज किसानों ने ज्ञापन फाड़ दिए।

जानकारी के मुताबिक मेट्रो सिनेमा के पास मौजूद किसान और महाविकास अघाड़ी नेताओं ने मिलकर राज्यपाल को दिया जाने वाला ज्ञापन फाड़ दिया है। इसी के साथ किसान नेताओं ने यह घोषणा भी की है कि अब सभी लोग अंबानी और अडानी द्वारा बनाए जाने वाले सभी उत्पादों का बहिष्कार करेंगे।

बताया गया है कि किसानों का यह मोर्चा अब आजाद मैदान में जाकर रुकेगा। वहां गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण के बाद सभी किसान अपने-अपने घरों की तरफ कूच करेंगे।

इससे पहले किसान नेता अशोक ढवले ने कहा कि हम सभी ने सर्वसम्मति से यह तय किया है कि किसानों का प्रतिनिधिमंडल अब राजभवन नहीं जाएगा। हम जो ज्ञापन उनको देना चाहते थे वह अब यहीं फाड़ देंगे। अब सीधे राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र के किसानों का अपमान किया है। सब कुछ जानते हुए भी वे मुंबई छोड़कर गोवा चले गए हैं।

किसानों का कहना है कि राज्यपाल ने उनका अपमान किया है। किसानों के पहले से नियोजित कार्यक्रम के बावजूद वे किसानों से नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में किसान प्रतिनिधि मंडल राजभवन उनसे मिलने नहीं जाएगा।

ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में नासिक से पैदल चलकर हजारों किसान मुंबई पहुंचे हैं। ये किसान महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों से पहुंचे हुए हैं। 

उधर आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार भी किसानों के बीच पहुंचे। पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'इस ठंडे मौसम में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले 60 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। क्या प्रधानमंत्री ने इनके बारे में जानकारी ली? क्या ये किसान पाकिस्तान के रहने वाले हैं?'

प्रधानमंत्री के साथ-साथ शरद पवार ने राज्यपाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा 'राज्यपाल महोदय को कंगना से मिलने का वक्त है लेकिन वे हमारे किसानों से नहीं मिल सकते हैं। महाराष्ट्र ने ऐसा राज्यपाल पहले कभी नहीं देखा है। यहां आना और आपसे मिलना राज्यपाल की नैतिक जिम्मेदारी थी।'

इससे पहले मुंबई के आजाद मैदान से निकले किसान मोर्चा को मेट्रो सिनेमा के पास रुकना पड़ा। यहां पुलिस और किसानों के बीच टकराव वाली स्थिति बन गई। भारी संख्या में तैनात की गई पुलिस ने किसान मोर्चा को मेट्रो सिनेमा पर ही रोक दिया।

हालांकि किसान भी अपनी जिद पर अड़े हुए थे कि वे राज्यपाल से मिलकर ही मानेंगे। फिलहाल राज्यपाल मुंबई में मौजूद नहीं हैं वे वह गोवा में हैं। हालांकि किसानों की जिद थी कि वे राज्यपाल से मिलकर ही जाएंगे। इसके बाद मेट्रो सिनेमा के पास किसानों का हुजूम सड़क पर बैठ गया।

इससे पहले मुंबई के लिए कूच करने वाले किसानों ने रात्रि विश्राम के लिए इगतपुरी के पास घाटनदेवी में पड़ाव डाला था। रविवार सुबह किसान कसारा घाट के रास्ते मुंबई के लिए रवाना हुए। कसारा घाट तक निकाले गए सात किलोमीटर लंबे मार्च में महिला किसान भी शामिल हुईं।


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