राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान ने भी ठगा किसानों को : फसल खरीदने का वादा कर महंगे दाम पर बेचा बीज, अब तैयार फसल खरीदने से साफ इंकार

Indore news : किसानों का आरोप है, हमें ऊंचे मूल्य पर लहसुन का बीज यह कहकर थमाया गया था कि आपकी तैयार फसल हमारा संस्थान खरीदेगा, लेकिन अब जब फसल तैयार हुई और हम लोग संस्थान के संचालकों और अधिकारियों से फसल लेने का आग्रह करने गए तो टालमटोल के बाद फसल लेने से साफ इनकार कर दिया...

Update: 2022-09-30 16:58 GMT

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के अधिकारियों की धोखाधड़ी 'के खिलाफ किसानों में भारी आक्रोश, दो माह से भटक रहे किसानों को कौन दिलायेगा लहसून का उचित मूल्य

Indore news : लहसून बेचने के लिए मारे मारे फिर रहे मध्य प्रदेश के किसानों के साथ ठगी करने में सरकारी संस्थान भी पीछे नहीं हैं। इंदौर के धरमपुरी स्थित हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट की बीज अनुसंधान संस्थान राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान जोकि भारत सरकार की एक एजेंसी है, ने भी महंगे भाव में किसानोंं को लहसुन का बीज दिया और अब उसे खरीदने से इंकार कर रही है। जबकि बीज बेचते वक्त संस्थान के अधिकारियोंं ने विश्वास दिलाया था कि किसानों की उपज को उचित मूल्य पर खरीदा जाएगा'।

संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि इंदौर संभाग के सैकड़ों किसानों ने हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के इस अनुसंधान संस्थान से लहसुन का उन्नत बीज 10000 से ₹12000 प्रति क्विंटल पर खरीदा और जब फसल तैयार हो गई तो उन्होंने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बार बार आग्रह किया कि वे उनकी फसल को खरीदें, लेकिन अधिकारियों ने अपने वादे को तोड़ते हुए लहसुन की फसल खरीदने से इंकार कर दिया। इससे ठगाए किसान अब दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। कई किसान तो अपनी फसल गुस्से में नदी में भी फेंक चुके हैं, जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए।


किसान नेता कहते हैं, हालांकि किसान व्यापारियों से हमेशा ठगाते आये हैं, लेकिन सरकारी एजेंसी भी ठगने और धोखा देने में पीछे नहीं है। सरकार भले ही कितने ही दावे करे कि वे किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार के बारे में यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि हाथी के दांत दिखाने के दूसरे और खाने के दूसरे होते हैं।

पीड़ित किसान कहते हैं, सरकारी बीज अनुसंधान एजेंसी राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान धरमपुरी ने हमें ऊंचे मूल्य पर लहसुन का बीज यह कहकर दिया कि आपकी तैयार फसल हमारा संस्थान खरीदेगा, लेकिन अब जब फसल तैयार हुई और हम लोग संस्थान के संचालकों और अधिकारियों से फसल लेने का आग्रह करने गए तो 2 माह टालमटोल करने के बाद फसल लेने से साफ इनकार कर दिया।

गांव माता बरोड़ी के राजेश मकवाना, महेश सिसोदिया सहित सैकडों किसान अब अपनी फसल बेचने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सरकार हमें किसानों की लहसुन की फसल खरीदने की अनुमति नहीं दे रही है।


सरकारी अधिकारियों द्वारा ठगे जाने के बाद इंदौर, देवास, उज्जैन के कई किसानोंं ने संयुक्त किसान मोर्चा से संपर्क किया और उनके साथ हुई घटना की जानकारी द । किसानोंं ने संयुक्त किसान मोर्चा को संस्थान से खरीदे गए लहसुन बीच की पावती बिल आदि भी दिए।

इस बात की पुष्टि करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने संस्थान में जाकर जानकारी निकाली तो अधिकारी अपनी सफाई में कहते हैं, लहसुन बीज हमने बेचा जरूर है, लेकिन अलग.अलग योजनाओं में बीज बेचा जाता है और जिस योजना में किसानों ने लहसुन बीज खरीदा है उसमें हमने कोई वापसी खरीदी की गारंटी नहीं दी। इस तरह संस्थान के अधिकारियों ने भी किसानों के साथ व्यापारिक रुख अख्तियार करते हुए उनका लहसुन खरीदने से इंकार कर दिया।

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