UP news : योगी सरकार में दलितों पर दमन और दबंगों का संरक्षण - माले ने राज्यव्यापी दमन विरोधी दिवस मनाकर लगाये गंभीर आरोप

UP news : माले राज्य सचिव ने कहा कि हरगांव में ऐपवा की महिला नेता को भी पुलिसकर्मियों ने नहीं बख्शा, बीच सड़क पर अभद्रता की और पुलिस की ज्यादती का विरोध कर रही महिलाओं को दौड़ा.दौड़ाकर पीटा...

Update: 2022-08-16 13:30 GMT

Lucknow news :  भारत की कम्युनिस्ट पार्टी माले ने सीतापुर के हरगांव में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दलितों पर ऊंची जाति के दबंगों द्वारा जानलेवा हमले की घटना और पार्टी के जिला सचिव अर्जुनलाल सहित नौ कार्यकर्ताओं को थाने में उत्पीड़न के बाद फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजने की पुलिस कार्रवाई के विरोध में मंगलवार 16 अगस्त को राज्यव्यापी दमन.विरोधी दिवस मनाया।

इस मौके पर पार्टी ने अपने नेताओं की बिना शर्त रिहाई, फर्जी एफआईआर की वापसी, दलितों के हमलावरों को सलाखों के पीछे भेजने के अलावा हरगांव पुलिस की मनगढ़ंत कहानी की उच्च स्तरीय जांच और एसओ को निलंबित करने की मांग की।

विरोध दिवस पर जिला मुख्यालयों पर प्रतिवाद कार्यक्रम कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपे गए। ज्ञापन में उक्त मांगों के साथ यह भी उल्लेख किया गया है कि दलितों पर गांव से लेकर थाने में दमन की उक्त घटना आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सीतापुर के पुलिस अधीक्षक श्री जी एस चंद्रभान के रहते हुई है, फिर भी उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर डीजीपी के प्लेटिनम मेडल के लिए नामित किया गया है, जो शर्मनाक है। लिहाजा सीतापुर एसपी से इस मेडल को वापस लिया जाए।

भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि प्रदेशव्यापी प्रतिवाद में आज सीतापुर जिला कचहरी के पास धरनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और पुलिस कार्रवाई का जमकर विरोध किया। नेतृत्व पार्टी के राज्य स्टैंडिंग कमेटी सदस्य रमेश सेंगर व ऐपवा जिलाध्यक्ष कामरेड सरोजिनी ने किया। सीतापुर मुख्यालय पर माले का धरना 14 अगस्त शाम से जारी है।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि योगी सरकार में दलितों पर दमन और दबंगों का संरक्षण हो रहा है। दलित फरियादियों का थाने में उत्पीड़न किया जा रहा है। न्याय देने की आवाज उठाने वाले नेताओं व आंदोलनकारियों के साथ अपराधियों की भांति सलूक किया जा रहा है और चुप कराने के लिए झूठे मुकदमे लगाकर गंभीर धाराओं में उन्हें जेल भेजा जा रहा है। हरगांव की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है। नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद, दबंग हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

माले राज्य सचिव ने कहा कि हरगांव में ऐपवा की महिला नेता को भी पुलिसकर्मियों ने नहीं बख्शा, बीच सड़क पर अभद्रता की और पुलिस की ज्यादती का विरोध कर रही महिलाओं को दौड़ा.दौड़ाकर पीटा। माले नेता अर्जुनलाल व कुछ ग्रामीण 14 अगस्त को दोपहर से थाने के लॉकअप में बंद कर दिए गए थेए लेकिन पुलिस ने सभी नौ लोगों की गिरफ्तारी अगले दिन ;15 अगस्तद्ध की अहले सुबह एक गांव की पुलिया से दिखाई। हरगांव पुलिस ने यह बात 15 अगस्त को जारी अपनी प्रेस नोट में लिखी है, जो सफेद झूठ है। उन्होंने कहा कि रिहाई और कार्रवाई तक पार्टी का प्रतिवाद जारी रहेगा।

दमन विरोधी दिवस उपरोक्त के अलावा बलिया, देवरिया, गोरखपुर, बस्ती, मऊ, आजमगढ़, गाजीपुर, बनारस, चंदौली, सोनभद्र, प्रयागराज, रायबरेली, अयोध्या, कानपुर, जालौन, मथुरा, पीलीभीत आदि जिलों में मनाया गया।

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