प्रगतिशील महिला एकता केंद्र का तीसरा सम्मेलन हल्द्वानी में, महिलाओं की स्थिति पर दो दिन होगा मंथन
खुले सत्र में विभिन्न जनसंगठनों, ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सम्मेलन के प्रतिनिधियों को संबोधित किया जाएगा। सम्मेलन में तीन राज्यों से लगभग 150 से अधिक प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे....
Haldwani news : महिलाओं के मुद्दों को केंद्र में रखकर महिला के लिए संघर्षरत बीते एक दशक से क्षेत्र में सक्रिय प्रगतिशील महिला एकता केंद्र का तीसरा सम्मेलन कल शनिवार 24 सितंबर से हल्द्वानी में आयोजित किया जाएगा। शनिवार और रविवार को चार सत्रों में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का रविवार 25 सितंबर को आखिरी सत्र सार्वजनिक रखा जाएगा। जहां अन्य संगठनों व समाज से जुड़े प्रबुद्ध वर्ग के लोग संगठन के साथ अपने विचार साझा कर सकेंगे। बाकी के तीन पहले सत्रों में कार्यकर्ता देश के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक व अन्य समसामयिक मुद्दों पर मंथन करेंगे।
हल्द्वानी की सत्यनारायण धर्मशाला में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सम्मेलन का खाका साझा करते हुए अध्यक्ष शीला शर्मा ने बताया कि दुनिया के स्तर पर महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। महिलाओं के संघर्ष द्वारा जो अधिकार हमने हासिल किए थे, वह भी हमसे छीने जा रहे हैं।
संगठन की महासचिव रजनी जोशी ने कहा कि इस सम्मेलन की प्रासंगिकता वर्तमान में इसलिए भी बढ़ जाती है कि एक तरफ जहां महिलाओं का शोषण-उत्पीड़न बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं इस शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ दुनिया के स्तर पर संघर्ष कर रही हैं। हम इस सम्मेलन के माध्यम से महिलाओं के लिए कार्यरत प्रगतिशील महिला एकता केंद्र संगठन में मजदूर मेहनतकश महिलाओं को उनकी जिंदगी में चल रहे संघर्षों के साथ जोड़ने का पूरा प्रयास करेंगे। जिससे महिला मुक्ति के लिए महिलाओं को गोल-बंद कर संघर्ष की नई धार दी जा सके।
जोशी ने बताया कि नई आर्थिक नीतियों के चलते व कोरोना महामारी से दुनिया सहित देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हुई है, जिसके चलते महिला हिंसा, अपराध, मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार इत्यादि में बढ़ौतरी हुई है। ऐसे में जरूरत बनती है कि मजदूर-किसान-छात्र-महिलाओं को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा ताकि हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकें।
सम्मेलन की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए रजनी ने बताया कि दो दिन चलने वाले इस सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर महिलाओं की स्थिति पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन का समापन एक खुले सत्र और उसके बाद जूलूस के साथ किया जाएगा। खुले सत्र में विभिन्न जनसंगठनों, ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा सम्मेलन के प्रतिनिधियों को संबोधित किया जाएगा। सम्मेलन में तीन राज्यों से लगभग 150 से अधिक प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे।