बिहार की सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद प्रो.डेजी नारायण का निधन, कई दिनों से पटना एम्स में थीं भर्ती
पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की प्रमुख रहीं प्रो डेज़ी नारायण वामपंथी सोच वाली प्रगतिशील सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थीं, सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन में हमेशा उनकी सक्रियता बनी रहती थी...
जनज्वार। महिला अधिकारों के लिए हमेशा डटकर लड़ने वाली और आइसा से जुड़ीं रहीं प्रो. डेज़ी नारायण का आज 5 अगस्त को निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों बीमार थीं और उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा था।
पटना विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग की प्रमुख रहीं प्रो डेज़ी नारायण वामपंथी सोच वाली प्रगतिशील सामाजिक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थीं और आइसा से जुड़ीं थीं। बिहार के सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन में हमेशा उनकी सक्रियता बनी रहती थी।
आइसा से जुड़ीं महिला अधिकारों के लिए काम कर रहीं प्रोफेसर डेजी नारायण की मौत पर बिहार के पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास कहते हैं, 'प्रो डेज़ी नारायण का निधन हो गया है। वह 70 वर्ष की थीं। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय में वर्षों तक इतिहास पढ़ाया। प्रगतिशील विचारों वाली एक विद्वान महिला, प्रो डेज़ी नारायण बिहार पीयूसीएल की अध्यक्ष थीं। वह मेरे बिन्नू मामा (प्रोफ़ेसर विनय कंठ) की करीबी सहयोगी थीं। उन्होंने मिलकर वर्षों तक ईस्ट एंड वेस्ट एजुकेशनल सोसाइटी चलाई! वह पटना सिविल सोसाइटी की स्तंभ थीं। उनके आकस्मिक निधन से बहुत दुखी हूं। विनम्र श्रद्धांजलि डेज़ी मैडम। बिहार विप्लवी परिषद का आपको नमन!'
प्रो. डेजी नारायण के निधन पर Kunal/SC Chaudhary ट्वीटर यूजर ने ट्वीट किया है, 'लोकतंत्र पर फासीवादी हमले के इस कठिन दौर में वाम-लोकतान्त्रिक शक्तियों ने अपना एक मजबूत हिमायती व स्तंभ और संघर्षों का साथी खो दिया। प्रो. डेजी नारायण को भावभीनी श्रद्धांजलि! प्रो. डेजी नारायण अमर रहें!'
विश्वजीत कुमार ने प्रो. डेजी नारायण के निधन पर लिखा है, 'बहुत ही दुःखद एवं मर्माहत करने वाली खबर। प्रो. डेजी नारायण हम सबकी शिक्षिका, सहयोगी, आंदोलनों की साथी, कामरेड हम सबको छोड़ चली गईं। सदा वे एक शिक्षक, साथी और अभिभावक के रूप में खड़ी रहीं। बीसों वर्षों का साथ छूट गया। प्रो. डेजी नारायण को लाल सलाम! प्रो. डेजी नारायण अमर रहेंगी!'
CPIML Liberation, Bihar ने ट्वीटर पर डेजी नारायण को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, 'मानवाधिकार कार्यकर्ता, इतिहासविज्ञ व जनवादी आंदोलनों की समर्थक बुद्धिजीवी प्रो. डेजी नारायण का निधन अपूरणीय क्षति। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने दुख की इस घड़ी में उनके बेटों व परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।'