रामनगर के कालू सिद्ध गांव में धूमधाम से मना सावित्रीबाई फुले का 191वां जन्मदिन, इस दिन को शिक्षक दिवस के बतौर मनाने की उठी मांग
महिलाओं को एकत्र होकर इसी तरह से महिलाओं के संघर्षों को आगे बढ़ाते हुए व सावित्रीबाई को याद करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और हर घर में एक महिला सावित्रीबाई फुले होनी चाहिए महिला अधिकारों के लिए आगे आ सके...
Savitribai Phule Birthday : सावित्रीबाई फुले के 191वे़ं जन्म दिवस के अवसर पर महिला एकता मंच द्वारा ग्राम कालू सिद्ध में आम सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सभा में महिला एकता मंच द्वारा सावित्रीबाई फुले के जन्मदिन 3 जनवरी को शिक्षक दिवस घोषित करने की मांग की गई।
महिला एकता मंच की संयोजकत ललिता रावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका हैं। उन्होंने अपने समय में पुरातनपंथ, कट्टरपंथ व जातिवाद का जिस तरह से सामना किया उसकी प्रशंसा शब्दों में नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज देश में 2 तरीके की शिक्षा व्यवस्था चलाई जा रही है अमीरों के लिए अलग स्कूल हैं,गरीबों के लिए अलग। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के सभी वर्गों के लिए एक जैसे स्कूल नहीं होंगे, तब तक समाज में बराबरी संभव नहीं है।
मथुरा से पहुंची सहकार रेडियो की उद्घोषक शिल्पी ने कहा कि हम महिलाओं को एकत्र होकर इसी तरह से महिलाओं के संघर्षों को आगे बढ़ाते हुए व सावित्रीबाई को याद करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और हर घर में एक महिला सावित्रीबाई फुले होनी चाहिए महिला अधिकारों के लिए आगे आ सके।
ग्राम पूछड़ी निवासी शाहिस्ता ने कहा कि हम महिलाओं को अपने अधिकारों के संघर्ष को आगे बढ़ाने और एकजुट होने की जरूरत है और यह सीख हमें सावित्रीबाई फुले से लेनी चाहिए। सरस्वती जोशी ने बताया कि आगामी 9 जनवरी को देश की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका फातिमा शेख के जन्म दिवस पर ग्राम पूछड़ी में सभा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में ललित उप्रेती, पवन सत्यार्थी, जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश, विद्यावती किरन आदि लोगों द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किए गए। कार्यक्रम में चैनपुरी, मालधन, देवीपुरा, बासीटीला, हिम्मतपुर, सुंदरखाल, देवीचौडा, कालू सिद्ध, पूछड़ी, वीरपुर लच्छी आदि गांव से काफी महिलाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन कौशल्या ने किया।
कार्यक्रम के दौरान तनुजा, महक, कशिश, सान्यका, मुस्कान, लक्ष्मी, पलक, सरस्वती, भगवती, कमला शांति आदि के द्वारा गीत व नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।