सोनीपत गीता भवन गुरुद्वारा प्रबंधन पर रोज नये नियम बनाकर दुकानदारों से पैसा ऐंठने का आरोप, पीड़ितों ने लगायी मुख्यमंत्री से गुहार
Sonipat news : गुरुद्वारा मैनेजमेंट द्वारा दुकानदारों से अनाप-शनाप पैसा मांगना सरासर गलत है। यह बात सबसे आहत करने वाली है कि यदि किसी दुकानदार की मृत्यु हो जाए तो उसके बच्चों के नाम दुकान करने के भी एक लाख रुपए लेना व किराया भी कई गुना बढ़ा देना...
Sonipat news : हरियाणा में विधायक सुरेंद्र पवार के माध्यम से मुख्यमंत्री को गीता भवन गुरुद्वारा के दुकानदारों ने गुरुद्वारा मैनेजमेंट की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। दुकानदारों का आरोप है कि गुरुद्वारा मैनेजमेंट तानाशाही और मनमर्जी से गीता भवन दुकानदारों से पैसा ऐंठता है।
मुख्यमंत्री के नाम लिखे अपने ज्ञापन में दुकानदारों ने लिखा है, ‘हम सभी गीता भवन गुरुद्वारा के दुकानदारों से गीता भवन गुरुद्वारा प्रबंधन अपनी मनमर्जी व तानाशाही दिखा कर आए दिन कोई न कोई नया नियम बना कर बेवजह पैसा ऐंठतेते रहते हैं। कभी किराया बढाकर कभी बिल्डिंग बनाने के नाम पर, कभी नाम ट्रांसफर करवाने के नाम पर, कभी दुकानदार की मृत्यु होने पर उनके बच्चों या वारिसों के नाम पर ट्रांसफर करवाने के नाम पर अपनी मर्जी के नियम बनाकर दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है। विरोध करने पर जबरन दुकानें खाली करवाने समेत तरह तरह की धमकियां दी जाती हैं, जबकि सभी दुकानदारों ने पुराने दुकानदारों से मार्किट रेट पर पगडी ;सिक्योरिटीद्ध पैसा देकर दुकानें ले रखी हैं और गुरुद्वारा प्रबंधन को भी नाम ट्रांसफ़र करने की पगडी (सिक्योरिटी) पैसा दिया हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी दुकानें भी दुकानदारों ने अपना पैसा लगाकर (नई कंस्ट्रक्शन करवा कर) बनवाई हैं। गुरुद्वारा प्रबंधन की बिल्डिंग को बनाने का पैसा भी सभी दुकानदारों ने मिलकर दिया था।
इससे पहले गीता भवन गुरुद्वारा प्रबंधन द्वारा नित नए नियम बनाकर दुकानदारों से पैसा एैठने के विरोध में तथा अपनी मांग को लेकर गीता भवन गुरुद्वारा मार्केट के दर्जनों दुकानदारों ने उद्योग व्यापार मंडल के जिला संयोजक व गुरुद्वारा रोड मार्केट एसोसिएशन के प्रधान विमल किशोर तथा गीता भवन गुरुद्वारा मार्केट के प्रधान सतीश सरदाना के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया था।
उद्योग व्यापार मंडल के जिला संयोजक विमल किशोर कहते हैं, गुरुद्वारा मैनेजमेंट द्वारा दुकानदारों से अनाप-शनाप पैसा मांगना सरासर गलत है। यह बात सबसे आहत करने वाली है कि यदि किसी दुकानदार की मृत्यु हो जाए तो उसके बच्चों के नाम दुकान करने के भी एक लाख रुपए लेना व किराया भी कई गुना बढ़ा देना सरासर गलत है। गुरुद्वारा मैनेजमेंट को चाहिए कि उन बच्चों के सिर पर हाथ रखे और सहानुभूति दिखाएं न कि जबरन पैसा ऐंठे।
वहीं दूसरी तरफ पीड़ित दुकानदार कहते हैं, सभी दुकानें पगडी (सिक्योरिटी) की हैं। जब कोई दुकानदार किसी पुराने दुकानदार से दुकान लेता था तो पुराने दुकानदार को मार्केट रेट पर पैसा देकर तथा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को मार्केट रेट का 10 फीसदी देकर तथा पुराने किराए को भी 10 फीसदी बढ़ाकर दुकान अपने नाम करवा लेता था, लेकिन गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने अब एकदम से नाम बदलवाने के 25 फीसदी कर दिए हैं तथा किराया भी कई गुना बढ़ाने लगे हैं।
और तो और यदि किसी दुकानदार की मृत्यु हो जाए और दुकान उनके बच्चों या वारिस के नाम करवानी हो तो भी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी एक लाख रुपए लेने के साथ-साथ किराया भी कई गुना बढ़ा देती है। यदि किसी दुकानदार का काम नहीं चल पा रहा और दुकानदार अपना काम बदलना चाहता है तो भी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी दुकानदार से रुपयों की मांग के साथ किराया बढ़ाने की मांग करती है।
12 वर्ष पहले जब दुकानें जर्जर हो चुकी थीं और सड़क लेवल से नीचे चली गई थी तथा बारिश का पानी दुकानों में जाने लगा था, तब सभी दुकानदारों ने अपना पैसा लगाकर दुकानें नई बनवाई थीं, दुकानों पर बने स्कूल के कमरों को बनवाने का सारा खर्चा भी दुकानदारों ने दिया था।
दुकानदारों ने ज्ञापन में मांग की है :
1. नये दुकानदार के नाम बदवाने पर 10 फीसदी लिया जाए तथा किराया भी 10 फीसदी ही बढ़ाया जाए।
2. किसी भी दुकानदार की मृत्यु के पश्चात उनके बच्चों या वारिसों के नाम निशुल्क नाम बदला जाए और किराया भी ना बढ़ाया जाए।
3.यदि कोई दुकानदार अपना काम बदलता है तो भी कोई पैसा ना लिया जाए और किराया भी ना बढ़ाया जाए।
दुकानदारों के मुताबिक गीता भवन गुरुद्वारे के सामने ही गीता भवन मंदिर की भी दुकानें हैं। गीता भवन मंदिर प्रबंधन भी पुराने दुकानदार से नये दुकानदार के नाम बदलवाने पर मार्केट रेट का 10 फीसदी ही लेते हैं और 10 फीसदी ही किराया बढ़ाते हैं। दुकानदारों ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि गुरुद्वारा प्रबंधन की मनमानी और तानाशाही पर रोक लगाएं।