SSC अभ्यर्थियों का दिल्ली में हल्ला बोल, बोले- रिक्त पदों को अविलंब भरे मोदी सरकार
'युवा हल्ला बोल' आंदोलित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रही है, भारतीय किसान यूनियन के नेता युध्वीर सिंह ने इन युवाओं को अपना समर्थन दिया है..
जनज्वार। वर्ष 2018 में एसएससी द्वारा निकली गई जी.डी. के अभ्यर्थियों की अबतक नियुक्ति नहीं हुई है। SSC की इस भर्ती से BSF, CRPF, CISF, ITBP, SSB, असम राइफल्स जैसे अर्धसैनिक बल के विभागों में नियुक्ति होती है। इसे लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर हिंदी पट्टी के राज्यों सहित असम, गुजरात और महाराष्ट्र के अभ्यर्थी आंदोलन पर हैं।
आज मंगलवार को ये चयनित अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर एकत्रित हुए थे। अभ्यर्थियों के आंदोलन के क्रम में उच्चपदस्थ पुलिस अधिकारियों से 16 अगस्त को गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलाने के आश्वासन के बाद अभ्यर्थियों ने अपना 15 अगस्त तक टालने का फैसला किया।
बेरोज़गारी के खिलाफ 'युवा हल्ला बोल' आंदोलित युवाओं का नेतृत्व कर रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता युध्वीर सिंह ने इन युवाओं को अपना समर्थन दिया है और ग़ाज़ीपुर धरना स्थल पर आंदोलन हेतु इन्हें जगह आदि की सुविधा उपलब्ध कराई थी।
इस मौके पर युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर गोविंद मिश्रा ने कहा, "देश की रक्षा करने वाले युवाओं का भविष्य खतरे में है। देशभर से 55 हज़ार अभ्यर्थियों को एसएससी द्वारा मेडिकल फिट का दर्जा दिया गया है। उनमें 6 हज़ार युवाओं की जॉइनिंग अभी भी रुकी हुई है। देशभर में अर्ध सैनिक बल के एक लाख दस हज़ार से ज्यादा पद खाली है। अगर मोदी सरकार देश की सुरक्षा और युवाओं की भविष्य की चिंता करती है तो कम से कम रिक्त पदों को अविलंब भरे।"
मुख्य प्रवक्ता ऋषव रंजन का कहना है, "ये युवा पहली बार दिल्ली नहीं आए हैं। इससे पहले 2 बार दिल्ली में प्रदर्शन कर चुके हैं लेकिन फिर भी मोदी सरकार इन्हें अनसुना कर रही है। प्रधानमंत्री या गृह मंत्री अमित शाह के लिखित आर्डर से कम में हमें कुछ भी मंजूर नहीं है। एक तरफ भारत सरकार रोज़गार बढ़ाने का और हर साल करोड़ों रोज़गार देने का वादा करती है, वहीं दूसरे तरफ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने महत्वपूर्ण भर्ती को वो पिछले तीन साल से लटकाई हुई है।"
एसएससी की परीक्षा पास किये मध्य प्रदेश के प्रदीप पटेल ने कहा, "एसएससी द्वारा वेटिंग लिस्ट ज़ारी न होने के कारण खाली हुए पद पर हम मेडिकल फिट युवाओं को मौका नहीं मिला।" प्रदीप ने बताया, "नयी भर्ती में कोरोना के चलते देरी हुई और तब भी हमें आयु में छूट नहीं मिली।"