तेजस्वी बोले- 5000 करोड़ खर्च कर हुई थी जातीय जनगणना पर मोदी सरकार ने आंकड़े छुपा लिए, कल राजद करेगा राज्यव्यापी प्रदर्शन

जातीय जनगणना, मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करने तथा ओबीसी कोटे के बैकलॉग रिक्तियों को शीघ्र भरे जाने की मांग को लेकर कल राजद की ओर से राज्यव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा..

Update: 2021-08-06 16:32 GMT

जातीय जनगणना, मंडल कमीशन की शेष सिफारिशें लागू करने आदि की मांगों को लेकर राजद बिहार में प्रदर्शन करेगा

जनज्वार ब्यूरो, बिहार। कल मंडल दिवस है। मंडल दिवस यानि वह तारीख, जब मंडल कमीशन की रिपोर्ट पूरे देश में लागू हुई थी। आज से 31 वर्ष पहले 7 अगस्त 1990 को वीपी सिंह की तत्कालीन केंद्रीय सरकार ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू किया था। कल 7 अगस्त को इसी 'मंडल दिवस' के अवसर पर बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद ने आंदोलन प्रारंभ करने की घोषणा की है।

राज्य के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जातीय जनगणना, मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू करने तथा ओबीसी कोटे के बैकलॉग रिक्तियों को शीघ्र भरे जाने की मांग को लेकर कल राजद की ओर से राज्यव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।

तेजस्वी यादव ने कहा, "जातीय जनगणना देश के विकास एव समाज के वंचित और उपेक्षित समूहों के उत्थान के किए अति ज़रूरी है। विश्व के लगभग हर लोकतांत्रिक देश में समाज की बराबरी, उन्नति, समृद्धि, विविधता और उसकी वास्तविक सच्चाई जानने के लिए जनगणना होती है। सरकार हर धर्म के आँकड़े जुटाती है इसी प्रकार अगर हर जाति के भी विश्वसनीय आँकड़े जुट जाएँगे तो उसी आधार पर हर वर्ग और जाति के शैक्षणिक आर्थिक उत्थान, कार्य पालिका, विधायिका सहित अन्य क्षेत्रों में समान प्रतिनिधित्व देने वाली न्यायपूर्ण नीतियां बनाई जा सकेंगी।"

तेजस्वी यादव ने देश में गैरबराबरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जातीय जनगणना होगी तो उसी अनुसार बजट का भी आवंटन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 1931 में यानि 90 वर्ष पूर्व जातिगत जनगणना हुई थी। उसके बाद कोई सही आंकड़ा सरकारों ने सामने नहीं आने दिया। जातिगत जनगणना सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम हैं। जातीय जनगणना से समाज के अंतिम पायदान पर खड़े सामाजिक समूहों को आगे आने का विश्वसनीय अवसर मिलेगा।

तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना की मांग को राजद की पुरानी मांग बताते हुए कहा कि हमारी पार्टी की यह पुरानी माँग रही है। उन्होंने कहा, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के अथक प्रयासों और दबाव के चलते 2010 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लिया था। उस पर लगभग 5000 करोड़ खर्च भी किया गया लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने सभी आँकड़े छुपा लिए।"

उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय के लिए संघर्षों और इंसाफ के मूल्यों के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा, "आइए हम सब एकजुट होकर एक समतापूर्ण और विकसित समाज के लिए लड़े। यह सबों के उत्थान और भविष्य से जुड़ा मसला है।"

कल के आंदोलन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 7 अगस्त को मंडल दिवस के अवसर पर जातिगत जनगणना, आरक्षित कोटे के सभी बैकलॉग रिक्तियों को भरने एवं मंडल कमीशन की शेष अनुशंसाओं को लागू करने के लिए बिहार के सभी ज़िला मुख्यालयों पर हम मज़बूती से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

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