बिकरू कांड : खुशी दुबे को राष्ट्रीय हिंदू परिषद का समर्थन, अध्यक्ष ने कहा न्याय नहीं मिला तो कानपुर में करेंगे आत्मदाह
कानपुर के चर्चित कांड विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की विधवा खुशी दुबे का इलाज लखनऊ में चल रहा है, शुक्रवार को उसे कानपुर से लखनऊ लाया गया है...
जनज्वार, कानपुर। बिकरू कांड के बेगुनाह अपराधी खुशी दुबे को 'न्याय' दिलाने के लिए लगातार आवाजें तेज हो रही हैं। अब आगरा के एक ब्राह्मण समाजसेवी संगठन ने गुहार लगाई है। राष्ट्रीय हिंदू परिषद भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद पाराशर ने योगी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि खुशी दुबे को न्याय नहीं मिला तो वह कानपुर मुख्यालय पहुँचकर आत्मदाह कर लेंगे।
गोविंद पाराशर ने कहा कि वह आज सोमवार 7 जून तक खुशी दुबे के निर्दोष होने की जांच शुरू नहीं की गई तो वह अपनी कार से कानपुर मुख्यालय पहुंचेंगे और वहां आत्मदाह करेंगे। उन्होंने तीन दिन में जांच शुरू करवाने की मांग की है। चेतावनी के बाद से पुलिस का खुफिया विभाग सक्रिय हो गया है। गोविंद पाराशर पर लगातार नजर रखी जा रही है।
पाराशर का कहना है कि अपराधी का रिश्तेदार अपराधी नहीं होता है। बिकरू कांड से 4 दिन पहले ही खुशी दुबे की शादी हुई थी। जिसके 9 दिन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अमर दुबे को एनकाउंटर में पुलिस ने हमीरपुर में मार गिराया था। उन्होंने यह भी कहा है कि सीबीसीआईडी जांच में पता किया जाए क्या खुशी दुबे का कोई पुराना अपराधिक रिकॉर्ड है।
इससे पहले कानपुर की संस्था 'मैं ब्राहमण हूँ' के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश मणि त्रिपाठी खुशी दुबे को न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रपति व चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया को पोस्टकार्ड लिखो अभियान चला रहे हैं। दुर्गेश मणि ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि 'सरकार हो या विपक्ष जिसकी औकात हो रोक ले मुझे मैं खुशी दुबे का भाई आ रहा हूँ, उसके लिए न्याय मांगने, राज्यपाल जी के पास 22 जून को। ब्राह्मण का पुत्र हूँ अपनी नस्ल पर घमंड है।'
यहां तक की 'मैं ब्राहमण हूँ' के अध्यक्ष ने शहर के ब्राहमण जनप्रतिनिधियों की राजनीति पर सवाल भी उठाया है। कहा कि 'विधायक महेश त्रिवेदी जी, सुरेन्द्र मैथानी जी, अमिताभ बाजपाई जी, सांसद सत्यदेव पचौरी जी, विधायक प्रतिभा शुक्ला से सवाल है कि आखिर आप लोग क्यों खुशी दुबे के मामले में नही बोल रहे, क्या राजनीति ही सब कुछ है, ईश्वर पर आस्थावान लोग अगर नही बोलेंगे तो कौन बोलेगा, आप सब भी तो बच्चियों के माता-पिता हैं।'
आप सांसद संजय सिंह ने भी भले ही प्रदेश की ब्राहमण राजनीति पर चुनावी कार्ड खेला हो लेकिन आवाज उठाई है। संजय सिंह ने ट्वीट किया था कि 'जिस ख़ुशी दूबे को कानपुर के तत्कालीन SSP निर्दोष मानकर छोड़ना चाहते थे, उसे अब किस जुर्म की सजा दी जा रही है? क्या प्रतिशोध में एक बेगुनाह की जान लेना चाहती है आदित्यनाथ सरकार?'
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार संपादक सुशील दुबे ने योगी को जन्मदिन की बधाई देते हुए खुशी की रिहाई करने के लिए अपील की है। उनने लिखा है कि 'खुशी दुबे की खुशी वापस करिये, योगी जी, CM up योगी आदित्यनाथ जी महाराज के जन्म दिवस पर हार्दिक बधाई, बस रिटर्न गिफ्ट में खुशी दुबे की रिहाई दे देनी चाहिए।'
बता दें कि भाजपा के पदाधिकारी भी खुशी को न्याय देने के लिए आवाज उठाने लगे हैं। बीती 2 जून को भाजपा एमएलसी उमेश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कह था कि वह लखनऊ के मेदांता में बेगुनाह होकर भी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है उसे न्याय दिया जाए। द्विवेदी ने यह पत्र सुनील बंसल और स्वतंत्र देव सिंह को भी भेजा था।
गौरतलब है कि कानपुर के चर्चित कांड विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे का इलाज लखनऊ में चल रहा है। शुक्रवार को उसे कानपुर से लखनऊ लाया गया है। खुशी दुबे की हालत सीरियस बताई जा रही है।