#झूठ_बोलता_है_योगी बना ट्वीटर पर टॉप ट्रेंड, बेरोजगार युवा बोले जुमला नहीं रोजगार दो
जनज्वार। पिछले दिनों योगी ने घोषणा की थी कि जल्द ही सरकार के विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों पर युवाओं को नियुक्तियां दी जायेंगी। हमने इसके लिए विभिन्न विभागों से खाली पदों का ब्यौरा भी मांग लिया है। 3 महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों को अगले छह महीने में नियुक्ति पत्र थमा दिये जायेंगे।
शिक्षक भर्ती को लेकर भी योगी सरकार ने कुछ ऐसे ही वादे किये थे, और अब एक बार फिर से 1 हफ्ते के अंदर मुख्यमंत्री योगी ने खुद ज्वाइनिंग लेटर बांटने की बात कही है। इसी के बाद से सोशल मीडिया पर #झूठ_बोलता_है_योगी ट्रेंड कर रहा है।
योगी की इस बात को जुमला कहकर सोशल मीडिया पर #झूठ_बोलता_है_योगी ट्रेंड कर रहा है।
रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रकाश सिंह ने इस पर ट्वीट किया है, 'उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार सिर्फ झूठ बोलने और फर्जी नंबर जारी करने में व्यस्त है।'
लोकेश सिंह ने ट्वीट किया है, '31661 लोगों के ज्वाइनिंग लेटर कहां हैं, आपने कहा था 7 दिन में ज्वाइनिंग लेटर मिल जायेगा मगर अब तक कोई लिस्ट तक प्रकाशित नहीं की गयी है।
सुभाष शर्मा ने लिखा है, दोस्तो उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन में टोटल जंगलराज है।COVID19 से लड़ने, अपराध को नियंत्रित करने, युवाओं को रोजगार प्रदान करने में योगी सरकार पूरी तरह फेल हुयी है।
शमीम अख्तर ने ट्वीट किया है, 'TET, CTET उत्तीर्ण 2017 से क्यों बेरोजगार हैं? जबकि यूपी में लगभग 1 लाख अध्यापकों के पद खाली हैं। झाँसा देता है यह ढ़ोंगी #झूठ_बोलता_है_योगी...'
ऋषिकेश ने ट्वीट किया है, ये मीम्स वाकई सच साबित हो रहे हैं, सोचा नहीं था ऐसा होगा, लेकिन क्या बतायें हाल तो ऐसा ही दिखता है।
आराधना त्रिपाठी ने ट्वीट किया है, 'योगी जी आप सभी तरह से विफल हैं। इसलिए हमें आप पर भरोसा नहीं है। कोई नौकरी नहीं, कोई रोजगार नहीं। एक सप्ताह के भीतर नियुक्ति दुबारा जुमला।
रवीश कुमार ट्वीटर हैंडल ने ट्वीट किया है, 'यह उस छात्र के दर्द को दर्शाता है जो इस कठिन प्रणाली में मर जाता है। याद रखें न केवल छात्र बल्कि उसका परिवार भी पीड़ित होता है।'
सुमित जैन ने ट्वीट किया है, 'हमें हमारी ज्वाइनिंग की जरूरत है। हम इतने लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, हम मानसिक रूप से परेशान हैं, हम चाहते हैं कि नौकरियां आपके झूठे वादे और नकली भाषण की तरह न हों। इस तरह हमें बेवकूफ नहीं बनाना चाहिए।