अंकिता भंडारी के हत्यारोपी पुल्कित आर्य के रिजॉर्ट पर जा रही तिरंगा यात्रा में शामिल 2 दर्जन आंदोलकारियों को चीला बैराज पर पुलिस ने किया गिरफ्तार, तीखी झड़प में कई चोटिल
अंकिता हत्याकांड में हत्यारोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच व देह व्यापार में धकेलने के लिए मजबूर करने वाले वीवीआईपी मेहमान के नाम का खुलासा किए जाने की मांग को लेकर हत्यारोपी पुल्कित आर्य के वन्नत्रा रिजॉर्ट तक तिरंगा यात्रा का आह्वान किया गया था...
Justice for Ankita Bhandari : अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच और वीवीआईपी मेहमान के नाम के खुलासे के लिए मंगलवार को श्रीनगर से हत्यारोपी पुल्कित आर्य के वन्नत्रा रिजॉर्ट तक निकाली जा रही तिरंगा यात्रा को पुलिस प्रशासन ने चीला बैराज के पास बैरिकेडिंग कर रोक करीब दो दर्जन आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई, जिसमें कुछ लोग चोटिल भी हो गए। गिरफ्तार आंदोलनकारियों को दो बसों में भरकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
स्थानीय पुलिस प्रशासन पर अंकिता हत्याकांड में हत्यारोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआई जांच व देह व्यापार में धकेलने के लिए मजबूर करने वाले वीवीआईपी मेहमान के नाम का खुलासा किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को पौड़ी जिले के श्रीनगर से ऋषिकेश गंगा भोगपुर स्थित हत्यारोपी पुल्कित आर्य के वन्नत्रा रिजॉर्ट तक तिरंगा यात्रा का आह्वान किया गया था, जिसके चलते मंगलवार की सुबह यह तिरंगा यात्रा वन्नत्रा रिजॉर्ट कूच के लिए निकली थी।
लेकिन इससे पहले की यह यात्रा आरोपी के रिजॉर्ट तक पहुंचती, उससे पहले ही रिजॉर्ट जाने वाले रास्ते पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर वहां सैंकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया। तिरंगा यात्रा के यहां पहुंचते ही पुलिस ने आंदोलकारियों को यहीं पर रोक लिया। जिससे आंदोलनकारी बिफर उठे। आंदोलनकारियों की यहां पुलिस से तीखी नोक-झोंक होने लगी। जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। मौके पर पुलिस द्वारा लाठियां फटकारे जाने की वजह से कई लोग चोटिल भी हुए।
तिरंगा यात्रा में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस के रोके जाने पर आंदोलनकारी वहीं सड़क पर बैठकर धरना देने लगे। वीआइपी गेस्ट के नाम के खुलासे और सीबीआई जांच की मांग के नारों के साथ आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर आरोप लगाया कि अपने डर की वजह से वह आंदोलनकारियों की आवाज कुचलने के लिए पुलिस का सहारा ले रहे हैं।
इस बीच मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने वर्दी पर लगी अपनी नेमप्लेट उतारते हुए आंदोलनकारियों को जबरन खदेड़ना शुरू कर लिया। इस दौरान पुलिस ने आंदोलकारियों के हाथों से तिरंगे झंडे छीनकर उनको पकड़-पकड़कर जबरन बसों में ठूंस दिया गया। करीब दो दर्जन आंदोलनकारियों को दो बसों में भरकर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है।
पुलिस की इस कार्यवाही से पहले से ही अंकिता हत्याकांड में पुलिस की भूमिका से खफा चल रहे आंदोलनकारियों में रोष पनप गया है। दूसरी तरफ पुलिसकर्मियों द्वारा की गई इस कार्यवाही के दौरान वर्दी में लगी अपनी नेमप्लेट हटाए जाने पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नेमप्लेट आलपिन से लगी होने के कारण कई बार पुलिसकर्मी या दूसरे लोग घायल हो जाते हैं, इस लिहाज से मॉब को नियंत्रित करने में जुटे पहले मोर्चे के पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिहाज से नेमप्लेट हटा लेते हैं।