पूछड़ी के ग्रामीणों ने स्वतंत्रता दिवस पर की भूख हड़ताल, मोदी-धामी से पूछा जब हमारे घर ही तोड़ दोगे तो हम तिरंगा कहां फहरायेंगे

वक्ताओं ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि जनता के 3 करोड़ घर कहां पर बन रहे हैं। बुलडोजर चला कर लोगों के घर तोड़ देने से 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का वादा कैसे पूरा होगा...

Update: 2024-08-15 13:18 GMT

रामनगर। रामनगर के वन ग्राम पूछड़ी के ग्रामीणों ने आज 15 अगस्त को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लखनपुर चौक पर भूख हड़ताल कर धरना दिया तथा भाजपा सरकार से जवाब मांगा कि जब आप हमारे घर ही तोड़ दोगे तो हम तिरंगा झंडा कहां पर फहरायेंगे।

ग्राम पूछड़ी में घरों को तोड़े जाने पर रोक लगाने, जो व्यक्ति जहां पर निवास कर रहा है उसे वहीं पर नियमित कर मालिकाना हक देने, वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने व किसी भी व्यक्ति को हटाने से पूर्व उसका पुनर्वास करने की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया, जिसके तहत उत्तराखंड विधानसभा के 21 अगस्त से शुरू होने वाले गैरसैंण सत्र के समानांतर 20 अगस्त से लखनपुर चौक पर 4 दिवसीय धरना व 29 अगस्त को ग्राम पूछड़ी में उत्तराखंड स्तरीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की।

ग्रामीणों ने रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट से गैरसैंण विधानसभा सत्र में ग्राम पूछडी में घर तोड़े जाने व वन ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने के मामले को उठाने की मांग की।

धरनास्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा सबका साथ सबका विकास ढकोसले से ज्यादा कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री बताएं कि एक करोड़ लखपति दीदी कहां पर हैं, हमारे क्षेत्र में तो सरकार ने एक भी दीदी लखपति नहीं बनाई है।

वक्ताओं ने भाजपा सरकार से सवाल किया कि जनता के 3 करोड़ घर कहां पर बन रहे हैं। बुलडोजर चला कर लोगों के घर तोड़ देने से 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का वादा कैसे पूरा होगा। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 24 घंटे सातों दिन लोगों का जीवन स्तर सुधारने के लिए नहीं बल्कि लोगों के घरों को तोड़ने तथा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही है।

ललित उप्रेती के संचालन में हुई सभा को उपपा नेता प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, वन ग्राम विकास संघर्ष समिति के एस लाल, चंदन राम, मौ. ताहिर, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी, रेनू, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला आदि ने संबोधित किया।

कार्यक्रम में महिलाओं, सामाजिक राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भागीदारी की।

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