'हम बुलडोजर के आगे लेटकर अपनी जान दे देंगे, पर अपने घर नहीं टूटने देंगे' पूछड़ी के ग्रामीणों की धामी सरकार को चेतावनी

ग्रामीणों ने कहा कि वन प्रशासन द्वारा हमारे गांव में बैठक कर समस्या का समाधान निकाला जाए, हम इस देश के नागरिक हैं हमें बुल्डोजर और पुलिस का भय दिखाना बंद किया जाए...

Update: 2024-10-12 11:14 GMT

Ramnagar news : उत्तराखंड के रामनगर स्थित पूछड़ी गांव समेत सभी वन ग्रामों को उजाड़ने से बचाने के लिए ग्रामीणों के साथ तमाम जनांदोलकारी संगठन आवाज उठा रहे हैं। अब संयुक्त संघर्ष समिति ने उत्तराखण्ड के रामनगर स्थित ग्राम पूछड़ी में बैठक कर 14 अक्टूबर को रामनगर एसडीएम कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

बैठक में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन व उत्तराखंड सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के संविधान के अनुच्छेद 14 में कानून के समक्ष सभी को बराबर का अधिकार दिया गया है। अतः सरकार बिंदुखत्ता की तरह पूछड़ी, कालू सिद्ध समेत अन्य सभी वनग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करे।

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बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि वन प्रशासन द्वारा हमारे गांव में बैठक कर समस्या का समाधान निकाला जाए । हम इस देश के नागरिक हैं हमें बुल्डोजर और पुलिस का भय दिखाना बंद किया जाए। ग्रामीणों ने कहा कि हम बुलडोजर के आगे लेट कर अपनी जान दे देंगे, परंतु अपने घर नहीं टूटने देंगे।

14 अक्टूबर को बड़ी संख्या में ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहुंचकर प्रशासन व सरकार से वन अधिनियम 1927 उत्तरांचल संशोधन 2001 को रद्द करने, वनाधिकार कानून के तहत दाखिल दावों को मान्यता प्रदान करने व उत्तराखंड में जो व्यक्ति जहां पर निवास कर रहा है, उसे वहीं पर नियमित कर मालिकाना हक प्रदान दिये जाने आदि मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।

बैठक में सीमा तिवारी, दुर्गा देवी, तुलसी आर्य, साहिस्ता, सरस्वती जोशी, तुलसी छिंबाल, रवि सिंह, जुबेर, गणेश, प्रभात ध्यानी व मुनीष कुमार समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।

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