राजस्व लेखपाल का वीडियो ट्वीट कर फंसे योगी, युवा हल्लाबोल के अनुपम ने पूछा आपके कार्यकाल में कब निकली भर्ती!

युवा हल्लाबोल के संयोजक अनुपम ने कहा, 'का हो महाराज? उत्तर प्रदेश के युवा तो कह रहे हैं कि आपके कार्यकाल में लेखपाल की कोई भर्ती निकली ही नहीं है! तो फिर दुर्गेश जी किस मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं? वैसे भी उन्होंने वीडियो में आपका नाम नहीं लिया है, फिर भी आप उनकी भर्ती को अपनी उपलब्धि क्यों बता रहे हैं...

Update: 2021-03-10 13:30 GMT

युवा हल्लाबोल के संयोजक अनुपम ने कहा, झूठे प्रचार से जनता को गुमराह करना योगी सरकार की फितरत 

जनज्वार। आज बुधवार 10 मार्च को उत्त्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ऑफिसियल ट्विटर अकॉउंट से एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में महाराजगंज के दुर्गेश चौधरी नाम के युवा राजस्व लेखपाल की नौकरी दिलाने के लिए लिये उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उत्तर प्रदेश में 2017 से राजस्व लेखपाल के पदों पर भर्ती नहीं हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए किया है, 'सरकारी नौकरी हेतु आयोजित परीक्षाओं के समयबद्ध परिणामों एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए श्री दुर्गेश चौधरी जी। श्री दुर्गेश चौधरी जी की नियुक्ति राजस्व लेखपाल के पद पर पूर्ण पारदर्शिता के साथ हुई है।'

इस वीडियो को रिट्वीट करते हुए युवा हल्लाबोल के संयोजक अनुपम कहते हैं, 'का हो महाराज? उत्तर प्रदेश के युवा तो कह रहे हैं कि आपके कार्यकाल में लेखपाल की कोई भर्ती निकली ही नहीं है! तो फिर दुर्गेश जी किस मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं? वैसे भी उन्होंने वीडियो में आपका नाम नहीं लिया है, फिर भी आप उनकी भर्ती को अपनी उपलब्धि क्यों बता रहे हैं?'

गौरतलब है कि लेखपाल के पदों पर भर्तियां पिछले 3 सालों से अटकी हुई हैं। उत्तर प्रदेश में खाली पड़े लेखपाल के पदों पर भर्ती की कवायद 2020 से चल रही है। उत्तर प्रदेश में लेखपाल के 8000 पदों पर भर्ती होनी है। 2020 निकल गया, परन्तु प्रदेश सरकार भर्ती की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं करा सकी। सरकार का प्रस्ताव यूपीएसएससी (UPSSC) के भवन में ही अटका रह गया। 2021 में भी सरकार इन्हीं रिक्त पदों पर भर्तियां करने की तैयारी कर रही है।

हालांकि भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी किये गए वीडियो पर सवाल उठता है। वीडियो में यह कुछ नहीं बताया गया है कि दुर्गेश चौधरी ने किस वर्ष लेखपाल की परीक्षा दी थी और कब उनका चयन हुआ।

जनता ट्वीटर पर सवाल उठाने लगे हैं, रोजगार देने में असमर्थ योगी सरकार क्या अब झूठे दावे करने लगी है या कई साल पहले की भर्तियों का सहारा लेकर अपनी असफलताओं पर पर्दा डाल रही है। 2020 के अंतिम दिनों में उत्तर प्रदेश में युवाओं ने रोजगार की व्यापक तौर पर माँग की थी, देशभर में युवाओं ने बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

रामप्रकाश पाल ने लिखा है, #VDO2018_नियुक्ति_दीजिये माननीय योगी जी हम 1952 लोगों को #vdo2018 की नियुक्ति दीजिये हम भी इससे अच्छा वीडियो बना कर भेजेंगे #जयभाजपा_तयभाजपा

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक अपनी आवाज़ पहुंचाने के लिए युवाओं ने थाली पीटी थी। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, लखनऊ, बनारस समेत तमाम शहरों के छात्रों ने सरकार से रोजगार देने की माँग की थी। व्यापक छात्र प्रदर्शन के बाद योगी सरकार ने नवंबर 2020 से मार्च 2021 तक प्रदेश में 50 लाख युवाओं को सेवायोजित करने का लक्ष्य तय किया था। 50 लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य तो योगी सरकार पूरा नहीं कर सकी।

रोजगार देने की जगह सरकार ट्विटर पर झूठ परोसने में ज्यादा दिलचस्पी ले रही है। वर्तमान में हम देख रहे हैं कि रोजगार न मिलने से निराश युवक लगातार आत्महत्या कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में उत्तरप्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की जगह झूठा प्रचार कर युवाओं को धोखा देने का काम कर रही है, यह शर्मनाक है।

चयनित बेरोजगार एसके श्रीवास्तव ने कमेंट किया है, 'इस भर्ती की विज्ञापन संख्या भी बताएं, ये कैसी भर्ती थी और कब आई, जिसमे उत्तर प्रदेश के एकमात्र होनहार परम ज्ञानी व्यक्ति श्री दुर्गेश चौधरी जी का चयन हुआ।

राहुल कटियार ने लिखा है, 'ये कब हुआ जबकि सच ये है कि 2016 (सपा सरकार) के बाद राजस्व लेखपाल या चकबंदी लेखपाल की एक भी वेकैंसी नही आई है।'

क्या @pravir_kumar जी इस भर्ती की विज्ञापन संख्या माननीय मुख्यमंत्री जी को बताने का कष्ट करेंगे?'

सर्वेश सिंह ने ट्वीट किया है, 'ये भर्ती बीजेपी के शासन में कब आ गई ये जांच का विषय है और अगर आई तो किसी को पता भी नहीं चला, न फॉर्म भरना पड़ा और भर्ती पूरी हो गई बहुत ही दुःखद है। सरकार का प्रदेश के युवाओं को जूठ बोलकर भ्रमित करना।'

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