योगी के यूपी में दलित होना मानो सबसे बड़ा जुर्म- कन्नौज में नाबालिग से हुई नृशंसता पर माले ने उठाये सवाल

योगी के प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब हुई है। खासकर नाबालिगों के साथ हैवानियत और दलित-अल्पसंख्यक उत्पीड़न की घटनाएं चरम पर हैं...

Update: 2022-10-28 12:45 GMT

लखनऊ। भाकपा (माले) ने कानपुर के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कन्नौज की नाबालिग बच्ची के साथ हृदयविदारक घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि बच्ची गरीब अल्पसंख्यक परिवार से है और उसकी जान बचाने के लिए सरकार को समुचित व मुफ्त इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार 28 अक्टूबर को जारी बयान में कहा कि खबरों के अनुसार 12 साल की बच्ची दीपावली की पूर्व संध्या पर (23 अक्टूबर को) कन्नौज के सरकारी गेस्ट हाउस के पास झाड़ियों में खून से लथपथ पड़ी मिली थी। अपराधियों ने बच्ची की पहचान छुपाने के लिए उसके सिर को ईंट से कूंच दिया था। परिजनों ने इसके पीछे दुष्कर्म की कोशिश की आशंका जताई है। सीसीटीवी फुटेज से पहचान हो जाने के बावजूद आरोपी पुलिस की पकड़ से आजाद हैं।

माले ने कहा कि योगी के प्रदेश में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा की स्थिति बेहद खराब हुई है। खासकर नाबालिगों के साथ हैवानियत और दलित-अल्पसंख्यक उत्पीड़न की घटनाएं चरम पर हैं। हाल ही में बहराइच जिले में एक दलित युवक को शौचालय की शीट की चोरी का आरोप लगाकर उसके चेहरे को कालिख से पोतकर और सर मुड़ाकर घुमाया गया, मानो दलित होना ही जुर्म है, लेकिन प्रदेश सरकार खुद की पीठ थपथपाने और विज्ञापन करने में लगी है कि यूपी में सब कुछ चंगा है, जबकि हकीकत इसके विपरीत है।

गौरतलब है कि कन्नौज के गुरसहायगंज में रहने वाले बतासा कारीगर की 12 साल की बेटी दीवाली से ठीक एक दिन पहले 23 अक्टूबर को गुल्लक लेने निकली थी, लेकिन जब वह काफी देर बाद भी घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसको तलाशना शुरू किया। गुरसहायगंज कोतवाली से लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित PWD गेस्ट हाउस के पीछे झाड़ियों में खून से लथपथ हालत में उसे बरामद किया गया। बजाय उसे अस्पताल पहुंचाने के लोग उसका वीडियो बनाते रहे, बाद में पुलिस ने उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया।

इस घटना में इंसानियत को शर्मसार करने वाली बात यह थी कि बच्ची घायल अवस्था में तड़पकर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ा रही थी, मगर लोग तमाशबीन बनकर बच्ची को तड़पता देख मोबाइल से वीडियो शूट कर रहे थे। 

परिजनों का आरोप है कि उनकी बच्ची केा अगवा करके रेप की कोशिश की गई और फिर पहचान खुलने के डर से आरोपी ने हत्या के इरादे से बच्ची के सिर पर ईंट से हमला किया था। पांच दिन से पीड़ित नाबालिग कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत में सुधार नहीं हेा रहा है। इस मामले में गुरसहायगंज कोतवाली में रेप के प्रयास, पॉक्सो और हत्या की कोशिश में FIR दर्ज हुयी है। CCTV फुटेज से आरोपी की पहचान के बाद भी 5 दिन तक उसे गिरफ्तार न किये जाने पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पुलिस प्रशासन पहचान होने के बावजूद आरोपियों को क्यों बचाने में लगा है।।

Tags:    

Similar News