योगी-मोदी की सरकार बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम, इसलिए अपराध के खिलाफ खुद मोर्चा संभालें महिलायें

आज जब हाथरस, बलरामपुर व देश के अन्य हिस्सों में गरीब, दलित व वंचित समाज की बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्या जैसी घटनाएँ हो रही हैं, तब पढ़ा लिखा सिविल समाज चुप है....

Update: 2020-10-10 15:04 GMT

देश में एक के बाद एक हो रहे बलात्कार कांडों पर उत्तराखण्ड की महिलाओं का धरना—प्रदर्शन

जनज्वार, रामनगर। महिला एकता मंच द्वारा महिला सुरक्षा अभियान के तहत ग्राम चैनपुरी में आज 10 अक्टूबर को एक सभा का आयोजन किया गया। महिलाओं के साथ हाथरस, बलरामपुर व देश के अन्य हिस्सों में बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ चलाए जा रहे महिला सुरक्षा अभियान के तहत ये पाँचवा कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

ललिता रावत के संचालन में हुई सभा में महिलाओं ने देश में महिलाओं के साथ बढ़ते हुए अपराध तथा बढ़ती हुई हिंसा को लेकर अपना आक्रोश वक्त करते हुए कहा कि योगी-मोदी की सरकार महिलाओं व बेटियों को सुरक्षा देने में नाकाम साबित हो रही है। अत: हम महिलाओं को एकजुट होकर स्वयं ही अपनी सुरक्षा के लिए आगे आना होगा।

सभा में शांति देवी ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है बेटियों को आगे बढ़ना चाहिए और दूसरी तरफ सरकार द्वारा महिलाओं का दोहरा शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा के मामले में सरकारों द्वारा जातिवादी मानसिकता से काम किया जा रहा है।

देश में एक के बाद एक हो रहे बलात्कार कांडों पर उत्तराखण्ड की महिलाओं का धरना—प्रदर्शन

सरस्वती जोशी ने कहा कि आठ वर्ष पूर्व दिल्ली में निर्भया कांड व पिछले वर्ष हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार व हत्या की घटना हुई थी। तो देश का पढ़ा लिखा वर्ग व सिविल सोसायटी एकजुट होकर सड़कों पर आ गया थी, परंतु आज जब हाथरस, बलरामपुर व देश के अन्य हिस्सों में गरीब, दलित व वंचित समाज की बच्चियों के साथ बलात्कार व हत्या जैसी घटनाएँ हो रही हैं, तब ये पढ़ा लिखा सिविल समाज चुप है। उनकी चुप्पी देश, समाज व महिलाओं के लिए बेहद घातक है।

सभा में महिलाओं ने एकजुट होकर कहा कि सरकार को जातिवादी मानसिकता से ऊपर उठकर हाथरस, बलरामपुर समेत सभी मामलों में निष्पक्ष कार्यवाही व न्याय करना चाहिए।

सभा में भगवती नेगी, कमला चौधरी, लीला जलाल, भवानी देवी, शांति देवी, कमला देवी, राधा जलाल, हेमा देवी, पुष्पा देवी, गीता देवी, गंगा देवी, कौशल्या चुनियाल, माया, सरस्वती जोशी, मदन मेहता, मनीष कुमार, तुलसी देवी आदि उपस्थित थे।

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