Ambedkar Jayanti 2022 : बाबा साहेब की इन प्रेरक बातों को जेहन में उतार लें, सफलता कदम चूमेगी

Ambedkar Jayanti 2022 : भारतीय संविधान के वास्तुकार की बाबा साहेब अम्बेडकर की आज 131वीं जयंती है। समाज में व्याप्त भेदभाव से चिंतित बाबा साहेब ने कहा था मुझे वो धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।

Update: 2022-04-14 02:05 GMT

सपने में बाबा साहेब का न्योता और मेरी जेल यात्रा

Ambedkar Jayanti 2022 : दलित अधिकारों के चैंपियन और भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर ( Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar ) का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। आज के दिन को हर साल बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी आधुनिक भारत के निर्माण में उनके अनगिनत योगदान का सम्मान करने के लिए अंबेडकर जयंती के रूप में मनाते हैं। 1928 में पहली बार डॉ. अम्बेडकर जयंती सार्वजनिक रूप से पुणे में मनया गया था. एक 'अम्बेडकरवादी' जनार्दन सदाशिव रणपिसे द्वारा इसे मनाया गया था.

दरअसल, बाबा साहेब ( Baba Saheb Bhim rao Ambedkar ) एक ऐसे लोकतांत्रिक भारत की कल्पना की जो एक मिसाल कायम कर सके। उन्होंने हमेशा, कमजोर, दलित, पिछड़ों को मनोबल को बढ़ाने वाला काम किया, ताकि समाज में हर तबके का व्यक्ति आत्मसम्मान के साथ जीवन जी सके। आइए, हम आपको बताते उनके प्रेरक कथन जो आज भी लोगों को कुछ खास करने के लिए प्रेरित करते हैं।

1. मैं एक समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति की मात्रा से मापता हूं।

2. मुझे वो धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।

3. जीवन लंबा नहीं बल्कि महान होना चाहिए।

4. अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है, तो मैं इसे जलाने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा।

5. मन की साधना मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

6. उदासीनता सबसे खराब प्रकार की बीमारी है जो लोगों को प्रभावित कर सकती है।

7. समानता एक कल्पना हो सकती है लेकिन फिर भी इसे एक शासकीय सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

8. जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर लेते, कानून द्वारा जो भी स्वतंत्रता प्रदान की जाती है, वह आपके किसी काम की नहीं है।

9. कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार हो जाता है, तो दवा दी जानी चाहिए।

10. धर्म और दासता असंगत हैं।

11. यदि आप एक सम्मानजनक जीवन जीने में विश्‍वास करते हैं, तो आपको अपनी मदद खुद करनी होगी।

12. एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस मायने में भिन्‍न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार होता है।

13. जो इतिहास याद नहीं रखते, वह कभी इतिहास बना नहीं सकते।

14. शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित रहो।

15. कड़वी चीज को मीठा नहीं बनाया जा सकता। किसी भी चीज का स्वाद बदला जा सकता है लेकिन जहर को अमृत में नहीं बदला जा सकता।

Ambedkar Jayanti 2022 : बता दें कि डॉ. भीम राव अम्बेडकर ( Bhim rao ambedkar ) को उनके अविश्‍वसनीय काम के लिए साल 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्‍न से सम्मानित किया गया था। दलितों के अधिकारों के प्रवर्तक बाबा साहेब ने जीवनभर स्वतंत्र और मजबूत, अखंड भारत, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, दलितों के सशक्तिकरण, समरस समाज स्थापित करने और कमजोर आवाज को उठाने में लगा दिया। 

रामनाथ कोविंद ने दी सभी को अंबेडकर जयंती की बधाई

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अम्बेडकर जयंती, महावीर जयंती, वैसाखी, विशु, रोंगाली बिहू, नबा बरसा, वैसाखडी, और पुथांडु-पिराप्पू के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह की प्रतिज्ञाओं का पालन कर सभी लोग आध्यात्मिक स्वतंत्रता और एक संतुलित मानव जीवन जीने की कला नींव रख सकते हैं। उन्होंने त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, विनय और धार्मिकता की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि आज के दिन सभी लोग सभी समुदायों में अहिंसा फैलाने और सभी प्रकार की सामाजिक बुराइयों को दूर करने की दिशा में काम करने का खुद से संकल्प लें।

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