बिहार: गंगा-गंडक का पानी स्थिर होने से राहत, राज्य के आधा दर्जन जिले बाढ़ से हैं प्रभावित

राज्य भर में सैकड़ों घर पानी से घिरे हैं। कई प्रभावित इलाकों में नावों से आवागमन हो रहा है। बीमारी, प्रसव की स्थिति में परेशानी हो रही है।

Update: 2020-07-18 03:39 GMT

सारण जिला के पानापुर प्रखंड के एक गांव में पानी से घिरीं झोपडियां

जनज्वार ब्यूरो, पटना। बिहार में गंगा, गंडक आदि नदियां अब स्थिर हो गईं हैं, तो बूढ़ी गंडक अभी बढ़त पर है। कुछ नए इलाकों में पानी फैल रहा है। बाढ़ पीड़ित लोग परेशान हैं, ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। कई गांव अब भी पानी से घिरे हुए हैं और लोग नाव के सहारे ही आ-जा पा रहे हैं। कुछ स्थानों पर डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो गया है, तो कहीं  सड़क पर पानी चढ़ गया है।

मुजफ्फरपुर जिला के औराई-कटरा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 1000 बाढ़ पीड़ित परिवार अब तक विस्थापित हो चुके हैं। औराई, बकची, बेनीबाद मार्ग तीन सप्ताह से बंद है, वहीं कटरा पीपा पुल पर वाहनों का परिचालन भी ठप है। बागमती नदी के जलस्तर में हल्की कमी के बाद भी अभी आवागमन बंद है।

कटरा पीपा पुल से बसघटा फीडर तक सड़क पर पानी का बहाव है। औराई प्रखंड के मथुरापुर बुजुर्ग, बभनगामा, नयागांव, भरथुवा, जनाढ, अतरार, सरहचिया, महेश बारा पंचायत के गांवों में अभी भी पानी है। बागमती के दोनों बांधों के बीच बसे इन पंचायतों के कई गांवों में पानी है। लखनदेई नदी के कारण बिशनपुर गोकुल, रामपुर, रतवारा पंचायतों में भी पानी प्रवेश कर चुका है।

कटरा प्रखंड के बरईठा, बर्री, तेहवारा पंचायतों के कई गांवों में पानी घुसा हुआ है, वहीं खगुरा, पहसौल, चंगेल पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। दोनों प्रखंडों में संबंधित अंचल प्रशासन की तरफ से अब तक एक दर्जन नावों का परवाना निर्गत किया गया है। बावजूद इसके जन जीवन अस्त व्यस्त है। 

उधर सीतामढ़ी जिला के रीगा-सीतामढ़ी पथ में खैड़वा   चौक के समीप पुल के पास बना डायवर्सन ध्वस्त हो गया है। जिससे दो पहिया, चार पहिया एवं समान लदे गाड़ियों को आने जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

रीगा, सुप्पी, बैरगनिया, मेजरगंज के अलावा शिवहर जिला के पुरनहिया व पिपराढी तथा पूर्वी चंपारण जाने वालों के लिए यह महत्वपूर्ण पथ है।

वहीं पूर्णिया जिला में महानंदा में पानी बढ़ने के बाद नाव के सहारे ही लोग कदवा प्रखंड मुख्यालय पहुंच रहे हैं। क्षेत्र के कई पंचायतों के लोगों के लिए नाव ही आवागमन का एक मात्र सहारा है। महानंदा नदी का पानी क्षेत्र के कई पंचायतों में फैल गया है। प्रखंड के सोनैली-पूर्णियां मुख्य पथ के शिवगंज के पास नाव के सहारे लोग प्रखंड सहित अन्य जगहों को पहुंच रहे हैं।

वहीं धपरसिया पंचायत के जमीरा धार, धनागामा पंचायत के लीलाजी धार, सिकोरना पंचायत के डुमरिया धार सहित जाजा, तेतालिया, चौनी, रिजवनपुर, तैयाबपुर आदि पंचायतों की अधिकांश आबादी नाव के सहारे आवागमन करने को विवश हैं। क्षेत्र के विभिन्न घाटों पर दर्जनों की संख्या में नाव का परिचालन किया जा रहा है।

बाढ़ का पानी क्षेत्र में फैलने की वजह से लोगों को तमाम तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बीमारी की अवस्था मे मरीज को अस्पताल ले जाने में भीषण कठिनाई का सामना करना पर रहा है। उधर आबादपुर थाना क्षेत्र के हरनारोई पंचायत के सोहार गांव में बाढ़ का पानी सड़क के आर पार होने से लोगों को आने जाने में परेशानी हो रही है। क्षेत्र के लोग बताते हैं कि सोहार से मथुरा पुल बारसोई जानेवाली सड़क होकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन करते हैं।

उधर सारण जिला के पानापुर प्रखंड के कई गांवों में गंडक नदी का पानी फैल गया है, जिससे हजारों की आबादी प्रभावित हो गई है। सैकड़ों घर पानी से घिर गए हैं। बाढ़ से दरभंगा, मोतिहारी, बेतिया, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी आदि जिले भी प्रभावित हैं।

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