Varavara Rao : बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- वरवरा राव को 28 अक्टूबर तक तलोजा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण की आवश्यकता नहीं

Varavara Rao : पहले भी हाईकोर्ट ने सितंबर के महीने में राव की अंतरिम जमानत विस्तार की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा था कि राव को 25 सितंबर तक तलोजा जेल अधिकारियों को 25 सितंबर तक तलोजा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं है।

Update: 2021-10-15 08:14 GMT

NIA कोर्ट ने वरवर राव को इलाज के लिए हैदराबाद जाने की नहीं दी इजाजत, याचिका खारिज

Vavara Rao। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने गुरवार 14 अक्टूबर को कहा कि एल्गार परिषद के मामले (Elgar Parishad Case) में तमिल कवि और कार्यकर्ता वरवरा राव को 28 अक्टूबर तक तलोजा जेल (Taloja Jail) अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने वरवर राव को आत्मसमर्पण के लिए दी गई अवधि बढ़ाकर 28 अक्टूबर तक कर ली थी। इस मामले में अदालत में अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।

इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सितंबर के महीने में राव की अंतरिम जमानत विस्तार की याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए कहा था कि राव को 25 सितंबर तक तलोजा जेल अधिकारियों को 25 सितंबर तक तलोजा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण की जरूरत नहीं है।

एल्गार परिषद के मामले में 82 वर्षीय वरवरा राव के अलावा पंद्रह अन्य कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और वकीलों को गिरफ्तार किया गया है। राव की तरह ही मामले में गिरफ्तार अन्य कई आरोपी भी खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ता व वकील सुधा भारद्वाज (Sudha Bhardwaj), प्रोफेसर शोभा सेन और हेनी बाबू, कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Gautam Navalakha) और आनंद तेलतुंबड़े (Anand Teltumbde) ने खराब स्वास्थ्य, उम्र संबंधी बीमारियों और कोरोना (Covid 19) का हवाला देकर अदालत का रुख किया है।

इससे पहले जमानत याचिका पर सुनवाई का इंतजार करते हुए कार्यकर्ता स्टेन स्वामी (Stan Swamy) की 5 जुलाई को हिरासत में मौत हो गई थी। स्वामी पहले सी ही कई बीमारियों से पीड़ित थे और हिरासत में कोरोना वायरस से भी संक्रमित पाए गए थे।

वरवरा राव को इस साल 22 फरवरी को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी। वह एल्गार परिषद के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में पहले शख्स हैं, जिन्हें अंतरिम राहत दी गई थी। उन्हें 5 सितंबर को आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में लौटना था। 

वरवरा राव ने सितंबर की शुरुआत अपने वकील आर. सत्यनारायण (R. Sat) और वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर के जरिए जमानत विस्तार के लिए याचिका दायर की थी। राव ने जमानत पर बाहर रहते हुए अपने गृहनगर हैदराबाद में रहने की मंजूरी भी मांगते हुए कहा कि उनके लिए मुंबई में रहकर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बनाना किफायती नहीं है।       

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