हथियारबंद हिंसा के मामलों में दुनिया के अग्रणी देशों में भारत, अफ़ग़ानिस्तान सबसे आगे

हथियारबंद हिंसा के मामलों में सबसे अधिक प्रभावित देश अफ़ग़ानिस्तान है, जहां 3485 नागरिक घायल हुए या मारे गए। इसके बाद क्रम से सीरिया (3013), पाकिस्तान (689), यमन (683) और लीबिया (671) का स्थान है। लीबिया के बाद सोमालिया, म्यांमार, इराक और भारत का स्थान है।

Update: 2021-03-05 06:57 GMT

[प्रतीकात्मक तस्वीर]

वरिष्ठ पत्रकार महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी

लन्दन स्थित संगठन एक्शन ऑन आर्म्ड वायलेंस पिछले 10 वर्षों से लगातार एक्स्प्लोसिव वायलेंस मॉनिटर प्रकाशित करता है, जिसमें दुनियाभर के देशों में ऐसी हिंसा में घायलों या मारे गए लोगों की संख्या के अनुसार देशों को क्रमवार प्रस्तुत किया जाता है। एक्स्प्लोसिव वायलेंस मॉनिटर 2020 को हाल में ही प्रकाशित किया गया है और इसके अनुसार कुल 48 देशों में ऐसी हिंसा हुई है और इसमें घायलों या मरने वाले नागरिकों की संख्या के अनुसार भारत 10वें स्थान पर है।

ऐसी हिंसा सुरक्षा बालों द्वारा की जा सकती है, आतंकवादियों द्वारा की जा सकती है या फिर आपसी रंजिश या गैंगवार के दौरान हो सकती है। इसके अनुसार वर्ष 2020 के दौरान हमारे देश में कुल 153 हथियारबंद हिंसक घटनाओं में 362 लोग मारे गए या घायल हो गए, इसमें से 53 प्रतिशत यानि 193 सामान्य नागरिक थे।

इस रिपोर्ट के अनुसार हथियारबंद हिंसा में वर्ष 2020 की घटनाओं में कुल 48 देशों में 18747 व्यक्ति घायल हुए या मारे गए, इसमें से 59 प्रतिशत यानि 11058 सामान्य नागरिक थे। ऐसी घटनाओं में कुल 8165 व्यक्ति मारे गए, जिसमें 3368 सामान्य नागरिक थे। इसका सीधा सा मतलब है की दुनिया में हरेक दिन लगभग 10 नागरिक हथियारबंद हिंसा में जान गवांते हैं। कुल 10582 व्यक्ति घायल हुए, जिसमें से 7388 सामान्य नागरिक थे। दुनिया में इस तरह की कुल 2910 घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें से 1611 घटनाएं घनी आबादी वाले जगहों पर हुई, जिसमें कुल घायलों या मरने वालों में से 89 प्रतिशत लोग प्रभावित हुए।

ऐसे मामलों में सबसे अधिक प्रभावित देश अफ़ग़ानिस्तान है, जहां 3485 नागरिक घायल हुए या मारे गए। इसके बाद क्रम से सीरिया (3013), पाकिस्तान (689), यमन (683) और लीबिया (671) का स्थान है। लीबिया के बाद सोमालिया, म्यांमार, इराक और भारत का स्थान है। कुल 48 देशों की सूची में भारत 10वें स्थान पर है। इस बार सूची में अफ़ग़ानिस्तान पहले स्थान पर है, पिछले वर्ष सीरिया पहले स्थान पर था।


रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष सीरिया में ऐसे मामलों में 58 प्रतिशत तक की कमी आई है। दुनिया के अधिकतर देशों में पिछले वर्ष का अधिकतर समय लॉकडाउन में बीता, इसलिए ऐसी हिंसा की घटनाएं वर्ष 2019 की तुलना में 43 प्रतिशत कम देखी गईं। अफ़ग़ानिस्तान में भी वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में हिंसक घटनाएं कम दर्ज की गयी हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकारों द्वारा पुलिस, अर्ध-सैनिक बालों या फिर सेना द्वारा की जाने वाली हिंसा अनेक देशों में प्रमुख समस्या है। ऐसी हिंसाएं 27 देशों में दर्ज की गयी हैं, जिसके कुल 880 घटनाओं में 7018 लोग घायल हुए या मारे गए। इसमें से 48 प्रतिशत यानि 3347 सामान्य नागरिक थे। रूस में ऐसे 82 मामलों में 599 व्यक्ति घायल हुए या मारे गए।

सीरिया में 130 घटनाओं में 659 व्यक्ति घायल हुए या मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार सरकारों द्वारा हिंसा की घटनाएं भारत समेत अफ़ग़ानिस्तान, अर्मेनिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ईरान, टर्की और म्यांमार में बढ़ती जा रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।

इस रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं और बच्चो के घायल होने या मारे जाने की जानकारी अधिकतर मामलों में अलग से उपलब्ध नहीं है। जितनी जानकारी है उसके अनुसार 430 घटनाओं में 692 महिलायें और 510 घटनाओं में 1264 बच्चे घायल हुए या मारे गए।

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