वित्त मंत्री सीतारमण का ऐलान, इस साल निजी हाथों में चली जाएंगी ये 5 सरकारी कंपनियां

सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाई गई पाबंदियों को हटाए जाने के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल के संकेत हैं...

Update: 2021-08-13 06:46 GMT

वित्त मंत्री ने 5 सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में देने की घोषणा की है. 

जनज्वार ब्यूरो। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार 12 अगस्त को उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि सरकार आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए हर जरूरी कदम उठाने को तैयार है। सीतारमण ने उद्योग मंडल सीआईआई (CII) की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए लगाई गई पाबंदियों को हटाए जाने के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी और रिवाइवल के संकेत हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई में बढ़कर 620 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों को लेकर प्रतिबद्ध है। यहां तक कि महामारी के दौरान भी सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाया गया। पिछले साल केंद्र ने कृषि कानूनों और श्रम सुधारों को आगे बढ़ाया।

सीतारमण ने कहा कि सरकार इस वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करंने के लिए कृतसंकल्प है। एयर इंडिया (Air India), भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum), बीईएमएल (BEML), शिपिंग कॉरपोरेशन (Shipping Corp) और कंटेनर कॉरपोरेशन (Container Corp) का निजीकरण इसी साल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इकॉनमी को उबारने के लिए सरकार आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी उस स्तर पर नहीं पहुंची है कि केंद्रीय बैंक लिक्विडिटी को वापस लेना शुरू कर दे। उन्होंने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी अभी कोरोनावायरस की दो बड़ी लहरों के प्रभाव से उबर रही है। आरबीआई इस बात को अच्छी तरह समझता है कि इकॉनमी से तुरंत लिक्विडिटी निकालना जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि महंगाई रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे और विकास सरकार की प्राथमिकता में बना रहेगा।

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