FIR On Bihar CM Nitish : Supreme Court के निर्देश से बढ़ सकती हैं बिहार के सीएम नीतीश की मुश्किलें, जानिए क्या है मामला?

FIR On Bihar CM Nitish : आपको बता दें कि तकरीबन छह महीने पहले दलित समुदाय से आने वाले बिहार कैडर के व​रिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार ने पटना के एससी एसटी थाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जालसाजी का एक एफआईआर दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। पर उस समय थाना प्रभारी ने यह कहते हुए आवेदन लेने से इंकार कर दिया था कि यह अंग्रेजी में लिखा है और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है...

Update: 2022-04-05 09:10 GMT

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FIR On Bihar CM Nitish : भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1987 बैच के अधिकारी (IAS) सुधीर कुमार (Sudhir Kumar) की एक अपील पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) को निर्देश देते हुए कहा है कि सुधीर कुमार की अपील की लिस्टिंग चार हफ्तों के अंदर की जाए। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कोर्ट के इस  आदेश से बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज होने का रास्ता साफ हो सकता है।

आपको बता दें कि तकरीबन छह महीने पहले दलित समुदाय (SC Community) से आने वाले बिहार कैडर के व​रिष्ठ आईएएस (Senior IAS) अधिकारी सुधीर कुमार ने पटना के एससी एसटी थाने (SC-ST Police Station) में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जालसाजी का एक एफआईआर (FIR) दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था। पर उस समय थाना प्रभारी ने यह कहते हुए आवेदन लेने से इंकार कर दिया था कि यह अंग्रेजी में लिखा है और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है। यह कहकर थाना प्रभारी वहां से चले गए थे।

उसके बाद आइएएस सुधीर कुमार ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) में एफआईआर दर्ज कराने के लिए अपील की थी। पर वहां भी इसे अतिआवश्यक नहीं मानते हुए मामले की लिस्टिंग नहीं हो पायी थी। अंत में आइएएस सुधीर कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

आइएएस सुधीर कुमार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ में सुनवाई की गयी। इस दौरान बिहार हाईकोर्ट को मुख्य न्यायाधीश को निर्देश देते हुए कहा गया है कि इस मामले की लिस्टिंग चार हफ्तों के भीतर की जाए। ऐसे में अगर पटना हाईकोर्ट में इस मामले की लिस्टिंग हो जाती है तो बिहार के मुख्यमंत्री पर जालसाजी का एफआईआर दर्ज होने का रास्ता साफ हो जाएगा।

बिहार के पूर्व आईपीएस कुमार दास ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च अदालत की ओर से पटना उच्च न्यायालय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एफआईआर के मामले में चार हफ्तों में फैसला लेने को कहा गया है।

आपको बता दें कि वरिष्ठ आइएस सुधीर कुमार ने एफआईआर के अपने आवेदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जालसाजी करके फंसाने का आरोप लगाया था। 

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