पूर्व भारतीय कप्तान कपिलदेव बोले- किसानों और सरकार के बीच जल्द खत्म हो मनमुटाव

किसानों के आंदोलन के बीच सेलिब्रेटिज के बयान भी लगातार सामने आ रहे हैं, फ़िल्म, खेल सहित अन्य क्षेत्रों की नामचीन शख्सियतें अपने विचार सोशल मीडिया पर व्यक्त कर रहे हैं..

Update: 2021-02-05 04:29 GMT

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों के आंदोलन के बीच सेलिब्रेटिज के बयान भी लगातार सामने आ रहे हैं। फ़िल्म, खेल सहित अन्य क्षेत्रों की नामचीन शख्सियतें अपने विचार सोशल मीडिया पर व्यक्त कर रहे हैं। कुछ सेलिब्रेटिज किसान आंदोलन के पक्ष में विचार दे रहे हैं तो कुछ इसके विरोध में बोल रहे हैं। इस बीच खबर है कि टीम इंडिया की ड्रेसिंग रूम में भी इसपर चर्चा हुई है और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने भी प्रतिक्रिया दी है।

ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कपिलदेव ने लिखा, 'मैं अपने देश भारत से बेहद प्यार करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द किसान और सरकार के बीच ये मुनमुटाव जल्द खत्म हो। इसी के साथ उन्होंने लिखा कि एक्सपर्ट्स को फैसला लेने दें।' 


साथ ही उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी कामयाबी के लिए शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय टीम को भी इंग्लैंड के खिलाफ आने वाली सीरीज के लिए बधाई देता हूं।

उधर किसान आंदोलन का मुद्दा टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम तक भी पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंग्लैंड सीरीज की शुरुआत से पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इस बात की जानकारी दी। विराट कोहली ने किसानों को देश का अभिन्न अंग बताया है और इस मुद्दे के जल्द ही समाधान की उम्मीद जताई है।

विराट कोहली ने कहा कि खिलाड़ियों ने किसान आंदोलन के बारे में बात की। उन्होंने कहा, 'किसान आंदोलन के मुद्दे पर हम सबने चर्चा की है। हम सब चाहते हैं कि शांति से इस मुद्दे का समाधान निकलना चाहिए। हम सबको एक साथ मिलकर ही आगे बढ़ना चाहिए।'

वहीं किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन अब तक 'अराजनीतिक' रहा है और 'आगे भी रहेगा' तथा किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उसके मंच का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इससे पहले कल गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली से पहले फर्जी खबरें फैलाने वाले कुछ सोशल मीडिया अकाउंट व अन्य के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किये हैं। 26 जनवरी को या इससे पहले डिजिटल हमले से जुड़े दस्तावेज 'टूलकिट' को लेकर विवाद हुआ था। पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भी इसे शेयर किया था। ऐसे में एफआईआर में उनका नाम होने की चर्चा थी लेकिन मोडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एफआईआर में किसी को नामजद नहीं किया गया है। 

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