भारत आठवीं बार बना सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य, अमेरिका ने किया स्वागत
भारत एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य निर्वाचित हुआ है। दो साल का यह कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा...
जनज्वार। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, यूएनएससी का आठवीं बार अस्थायी सदस्य बन गया है। इसके लिए हुए मतदान में भारत को 192 वोटों में 184 वोट हासिल हुए। भारत की यह सदस्यता एक जनवरी 2021 से प्रभावी होगी। भारत के निर्वाचन की जानकारी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्विटर पर दी। उन्होंने कह है कि हम एक जनवरी 2021 से सुरक्षा परिषद में शामिल होंगे और हमारा कार्यकाल दो साल का होगा। सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए प्रयासरत भारत आठवीं बार अस्थायी सदस्य चुना गया है।
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक भूमिका को यह मान्यता हैै। उन्होंने कहा कि देश व क्षेत्र में उनकी मजबूत भूमिका की यह प्रतिध्वनि है। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र में हमें जबरदस्त समर्थन मिला है, इसके लिए मैं सदस्य राष्ट्रों का आभार प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत नेतृत्व जारी रखेगा और बेहतर बहुपक्षीय व्यवस्था को नई दिशा देगा।
Congrats for your good work Team @IndiaUNNewYork and #TeamMEA https://t.co/dDThEFKCN9— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 18, 2020 px;" data-tweet-id="1273428831924137984">193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराया था। भारत के साथ मैक्सिको, आयरलैंड और नार्व को भी सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता प्राप्त हुई है।
इस निर्वाचन पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है कि हम भारत का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के सफल चुनाव के लिए बधाई देते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के मुद्दों वपर एक साथ काम करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी व 10 अस्थायी सदस्य
सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी व 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का क्रमिक रूप से दो सालों के लिए निर्वाचन होता है। स्थायी सदस्य के रूप में अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस व फ्रांस इसके सदस्य हैं। भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का दावेदार है। पर, उसकी दावेदारी में चीन का अवरोध उत्पन्न होता रहा है। दरअसल, स्थायी सदस्यों को वीटो पाॅवर होता है और कोई स्थायी सदस्य नए स्थायी स्थायी सदस्य के चयन में अवरोध पैदा कर सकता है।