Jammu Airport : महाराज हरि सिंह के नाम पर हो जम्मू एयरपोर्ट, पुत्र कर्ण सिंह ने उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी
Jammu Airport : जम्मू कश्मीर के पूर्व महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर एयरपोर्ट का नाम महाराजा हरि सिंह एयरपोर्ट करने की मांग की है।
Jammu Airport : जम्मू कश्मीर के पूर्व महाराजा हरि सिंह (Maharaja Hari Singh) के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ कर्ण सिंह (Dr. Karn Singh) ने जम्मू एयरपोर्ट (Jammu Airport) का नाम महाराजा हरि सिंह एयरपोर्ट करने की मांग की है। यह मांग उन्होंने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से की है।
उनकी मांग पर सिंधिया (Jyotiraditya Sindhia) ने कहा कि यह प्रस्ताव राज्य विधानसभा से पास होकर आना चाहिए। इसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को पत्र लिख जरूरी अनुशंसा करने की मांग की है।
जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि जम्मू एयरपोर्ट का निर्माण उनके पिता महाराज हरि सिंह ने कराया था। यहां उनके निजी विमान उतरा करते थे। अब उस एयरपोर्ट का विस्तार हो रहा है।
ऐसे में एयरपोर्ट का नाम महाराजा हरि सिंह के नाम पर किया जाय। इस हेतु उनके स्तर से आवश्यक अनुशंसा केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा जाए।
बता दें कि पिछले दिनों कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कराने और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की थी। कर्ण सिंह ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या और सुरक्षाबलों के शहीद होने की घटनाओं पर दुख जताया था।
कर्ण सिंह ने कहा, "जम्मू कश्मीर में हाल ही में हुईं घटनाओं ने मुझे दुख से भर दिया है।" कर्ण सिंह ने हाल ही में शहीद हुए 5 जवानों को लेकर दुख जताया। कर्ण सिंह ने कहा, "राज्य में हुईं ये घटनाएं सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत को बताते हैं।"
कर्ण सिंह ने कहा, "जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया जल्द शुरू होनी चाहिए। उन्होंने कहा, उप राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। लेकिन ये स्वतंत्र रूप से निर्वाचित विधायिका और लोकप्रिय सरकार का विकल्प नहीं हो सकते।"
कर्ण सिंह ने आगे कहा, "परिसीमन की प्रक्रिया लंबी नहीं खिंचनी चाहिए और परिसीमन आयोग को अपना काम पूरा करने के लिए खुद समयसीमा तय करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, एक बार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है, इसके परिणाम स्वरूप हम कुछ महीनों के भीतर स्थिर सरकार की उम्मीद कर सकते हैं।