Jammu News : भगवान शिव को खुश करने वाला नृत्य करते हुए कलाकार योगेश की हुई लाइव मौत, हर्ट अटैक से जान जाने की आशंका

Jammu News : कार्यक्रम में मां पार्वती का किरदार निभाने के लिए 20 वर्षीय योगेश गुप्ता नृत्य कर रहे थे, इसी नृत्य के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और वह मूर्छित होकर मंच पर गिर पड़े, मगर वहां मौजूद दर्शक इसे प्रस्तुति का हिस्सा मानकर खूब तालियां बजा रहे थे...

Update: 2022-09-08 10:42 GMT

Jammu News : भगवान शिव को खुश करने वाला नृत्य करते हुए कलाकार योगेश की हुई लाइव मौत, हर्ट अटैक से जान जाने की आशंका

Jammu News : जम्मू में एक जागरण कार्यक्रम के दौरान डांस कर रहे युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। बिश्नाह क्षेत्र के गांव कोठे सैनिया में महामाई का जागरण चल रहा था। वहां पर आए कलाकारों ने कई देवी देवताओं की प्रस्तुतियां देकर इस जागरण को और भी भक्तिमय बनाने का प्रयास किया। इसी दौरान मंच पर शिव पार्वती का भी एक किरदार निभाया जाना था, जिसके लिए पहले मां पार्वती अपने नृत्य के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं।

इस कार्यक्रम में मां पार्वती का किरदार निभाने के लिए 20 वर्षीय योगेश गुप्ता नृत्य कर रहे थे। इसी नृत्य के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और वह मूर्छित होकर मंच पर गिर पड़े। मगर वहां मौजूद दर्शक इसे प्रस्तुति का हिस्सा मानकर खूब तालियां बजा रहे थे। कार्यक्रम की इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है,  जिसमें लोग कह रहे हैं कि अगर समय पर टीम के लोग योगेश को CPR देते तो उनकी जान बच सकती थी।

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इस जागरण में शिव का किरदार निभा रहे व्यक्ति ने जब देखा कि पार्वती के मूर्छित होने का दृश्य पूरी स्क्रिप्ट में कहीं नहीं है तो वह शिव की वेशभूषा में ही मंच पर पहुंचे और मां पार्वती का किरदार निभा रहे योगेश गुप्ता को उठाने का प्रयास किया। लोग तब भी नहीं समझे। शिव जी का किरदार निभा रहे युवक ने खुद ही आयोजकों से डीजे को बंद करने की अपील की। उन्होंने आयोजकों को बताया कि यह कोई अभिनय नहीं है। इन्हें ह्रदय घात हो गया है तब कहीं जाकर उन्हें समझ में आया।

लेकिन तब तक पार्वती बना योगेश गुप्ता दम तोड़ चुका था। यह देखकर हर कोई हैरान था कि आखिर इतना स्वस्थ कलाकार, जो अभी हंसते गाते नाचते हुए एक आनंददायक प्रस्तुति दे रहा था, वह इस दुनिया से जा चुका था और वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

डीजे की धुन पर नाचते हुए कई लोगों की हुई है मौत

आपको जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले बरेली में एक शख्स की नाचते-नाचते मौत हो गई थी। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) में पदस्थ लैब टेक्निशियन प्रभात प्रेमी (45 साल) अपने दोस्त विशाल उर्फ मनीष के बर्थडे सेलिब्रेशन में आए हुए थे। यह बर्थडे पार्टी शहर के एक होटल में आयोजित की गई थी. जश्न के दौरान प्रभात डीजे की धुनों पर थिरकने लगे।

इस दौरान पार्टी में मौजूद लोग उनके डांस का वीडियो बना रहे थे और उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। इस बीच प्रभात अचानक बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। इसके बाद आनन फानन में प्रभात को खुशलोक हॉस्पिटल भेजा गया, लेकिन वहां भी डॉक्टरों की काफी कोशिश के बाद भी उनकी सांस नहीं लौटी। यानी डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हनुमान बने युवक की भी नाचते हुए मौत

बता दें कि इसके कुछ दिन बाद ही मैनपुरी में गणेश पंडाल में नाचते हुए कलाकार रवि शर्मा की मौत हो गई। घटना के वक्त सैकड़ों की संख्या में लोग वहां मौजूद थे। हनुमान की कॉस्ट्यूम पहने कलाकार अचानक स्टेज पर गिर गया। लोगों को लगा कि वो अभिनय कर रहा है। थोड़ी देर तक उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई, तब लोगों पास जाकर उसे देखा। अचेत अवस्था में जल्दी से रवि शर्मा को मैनपुरी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि पिछले एक हफ्ते में ही नाचते-नाचते मौत की जम्मू में तीसरी घटना हुई है। 

क्या होता है सीपीआर?

सीपीआर का फुल फॉर्म कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) है। यह इमरजेंसी मेडिकल टेक्निक है जिसके जरिए किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुक जाने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। जब किसी व्यक्ति का दिल धड़कना बंद कर देता है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट होता है। कार्डिएक अरेस्ट के दौरान, हृदय मस्तिष्क और फेफड़ों सहित शरीर के बाकी हिस्सों में खून पंप नहीं कर सकता है। उपचार के बिना मृत्यु मिनटों में हो सकती है। सीपीआर में मरीज की छाती पर दबाव बनाया जाता है जिससे ब्लड फ्लो को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

कैसे दिया जाता है CPR

अपने दोनों हाथों को मरीज की छाती के बीच में रखें और 100 से 120 प्रति मिनट की दर से जोर से छाती पर धक्का दें। हर धक्के के बाद छाती को अपनी सामान्य स्थिति में आने दें। मेडिकल इमरजेंसी हेल्प नहीं आने तक ऐसा करते रहें।

CDC के अनुसार, वर्तमान में अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित लगभग 10 में से 9 लोगों की मृत्यु हो जाती है। सीपीआर के जरिए इस समस्या को कम किया जा सकता है। यदि कार्डियक अरेस्ट के पहले कुछ मिनटों में मरीज को सीपीआर दिया जाए, तो मरीज के जीवित रहने की संभावना को दोगुना या तिगुना हो सकती है।

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