झारखंड : हेमंत सोरेन ने की सुदेश महतो से मुलाकात, राज्यसभा के लिए मांगा समर्थन
झारखंड में राज्यसभा चुनाव में पाॅलिटिकल मैनेजमेंट में भाजपा के बढत बनाने के बाद कांग्रेस की उम्मीदें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़ी हैं। हेमंत सोरेन ने इसी क्रम में आज भाजपा की सहयोगी आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो मुलाकात कर समर्थन मांगा...
रांची, जजज्वार। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात की। इस मुलाकात में हेमंत सोरेन ने सत्ताधारी गठबंधन झामुमो-कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए राज्यसभा चुनाव में समर्थन मांगा। राज्य की दो राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को मतदान होना है। सत्तापक्ष से झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन और कांग्रेस उम्मीदवार शाहजादा अनवर मैदान में हैं। जबकि भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश चुनाव मैदान में हैं।
राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान मार्च में ही होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लाॅकडाउन में यह करीब तीन महीने टल गया। अब बदली हुई परिस्थितियों में दूसरी सीट के लिए विपक्षी भाजपा का पलड़ा अधिक भारी हो गया। बाबूलाल मरांडी को भाजपा का वोटर माने जाने व सरयू राय द्वारा भाजपा के समर्थन का एलान किए जाने से कांग्रेस के उम्मीदवार का जीतना मुश्किल लग रहा है।
ऐसे में गठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो से मुलाकात की। झारखंड विधानसभा में इस बार आजसू ने मात्र दो सीटें ही जीती हैं, लेकिन नाजुक राज्यसभा चुनाव में इन वोटों का काफी महत्व है। हालांकि आजसू ने पहले भाजपा को समर्थन करने की बात कही थी, लेकिन अब नयी परिस्थितियों में उसका क्या स्टैंड होगा यह देखना दिलचस्प होगा।
45 मिनट की मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने इस संबंध में ट्वीट किया। हेमंत सोरेन ने लिखा कि आज आजसू अध्यक्ष व सिल्ली के विधायक सुदेश महतो से शिष्टाचार मुलाकात हुई। वहीं, सुदेश महतो ने लिखा: आज आवास पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिष्टाचार मुलाकात हुई। इस दौरान कोरोना महामारी से उपजे संकट तथा राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं के बीच राज्य की दो विधानसभा सीटों दुमका व बेरमो पर भविष्य में होने वाले उपचुनाव पर भी चर्चा हुई।
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में इस वक्त 79 विधायक हैं। राज्यसभा की एक सीट पर जीत दर्ज कराने के लिए 27 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। हालांकि राज्यसभा के मतों की गिनती में दूसरी प्राथमिकता के वोटों की भी गणना होती है और सत्ताधारी गठबंधन के पास दूसरी सीट के लिए भले ही बामुश्किल 22 विधायक हों, लेकिन उसने आजसू व अन्य छोटे घटकों से समर्थन व दूसरी प्राथमिकता के वोटों से भी उम्मीद लगा रखी है।