Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब को लेकर क्यों मचा है बवाल, जानें भाजपा-राज में हिजाब पहनना क्यों हो गया गुनाह?
Karnataka Hijab Row: हिजाब को लेकर इन दिनों कर्नाटक में बवाल मचा हुआ है. यहां हिजाब पहनी छात्राएं कॉलजों के बाहर प्रदर्शन करती नजर आ रही हैं.
Karnataka Hijab Row: हिजाब को लेकर इन दिनों कर्नाटक में बवाल मचा हुआ है. यहां हिजाब पहनी छात्राएं कॉलजों के बाहर प्रदर्शन करती नजर आ रही हैं. छात्राओं के इस प्रदर्शन की वजह बना है हिजाब, दरअसल हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज में आने की अनुमति नहीं मिल रही है.जिसके विरोध में कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रही हैं.
हिजाब पर विवाद क्यों
अब तक कर्नाटक में हिजाब पहनी छात्राओं को लेकर विवाद की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. साल की शुरुआत में ही कर्नाटक के उडुपी के एक कॉलेज में छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोक दिया गया था. उसके बाद से कई से अब तक हिजाब से जुड़े कई मामले सामने आते रहते हैं. इस घटना के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज की छात्राओं को भी हिजाब पहनकर आने पर गेट पर ही रोक दिया गया. इसके बाद शिवमोगा जिले के भद्रवती में भी ऐसी घटना सामने आई.
कब शुरु हुआ विवाद
दरअसल कर्नाटक में हिजाब से जुड़ा विवाद शुरु हुआ 1 जनवरी 2022 को. उस दिन उडुपी के एक सरकारी प्री- यूनिवर्सिटी कॉलेज में करीब 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाह पहनकर क्लास में आने से रोका गया. इस विवाद के बाद अब लागातर छात्राएं अपना प्रोटेट जाहिर रह रही हैं.ये मामला सोशल मीडिया पर भी काफी सुर्खियां बटौर रहा है. लोग सोशल मीडिया के जरिए इस पर अपनी अपनी बात सामने रख रहे हैं.
भगवा की एंट्री क्यों ?
कर्नाटक में हिजाब को लेकर जब छात्राएं विरोध जाहिर कर रही थी तो दूसरी ओर इस विवाद में भगवा की भी एंट्री हो गई. दरअसल जब छात्राओं ने हिजाब को लकेर विरोध जाहिर किया तो कुछ हिंदू लड़के भगवा गमछा डालकर कॉलेज आ गए.
जैसे ही हिजाब और भगवा गमछे का विवाद बढ़ा तो कुंडापुरा के विधायक श्रीनिवास शेट्टी ने कॉलेज के अधिकारियों और छात्रों के साथ बैठक की. लेकिन, इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि छात्राओं के माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चों को हिजाब पहनकर आने का अधिकार है.
छात्रा ने हाई कोर्ट में दायर की है याचिका
एक छात्रा ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर कर क्लास में हिजाब पहनने का अधिकार दिए जाने का अनुरोध किया है. याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उसे और उसके साथियों को कॉलेज प्रशासन के बिना हस्तक्षेप के क्लास में हिजाब पहनने पर अनुमति दी जाए.
हिजाब नहीं तो सिख पगड़ी का क्या— थरूर
उधर, केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मामले में टवीट करते हुए कहा— यह भारत की ताकत रही है कि हर कोई जो चाहे वह पहनने के लिए स्वतंत्र है. यदि हिजाब की अनुमति नहीं है, तो सिख पगड़ी के बारे में क्या? हिंदू के माथे का निशान? ईसाई का क्रूस? यह कॉलेज फिसलन भरी ढलान पर जा रहा है. लड़कियों को अंदर आने दो. उन्हें पढ़ने दो. उन्हें फैसला करने दें.
It's been a strength of India that everyone is free to wear what they want. If the hijab is disallowed, what about the Sikh turban? The Hindu's forehead mark? The Christian's crucifix? This college is going down a slippery slope. Let the girls in. Let them study. Let THEM decide. https://t.co/X2HUIo5hiV
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 3, 2022
हिजाब के विरोध में हिंदू छात्रों ने पहना भगवा स्कॉर्फ
उधर, इस साल की शुरुआत में कर्नाटक के ही चिकमंगलुरु जिले के एक स्टेट रन कॉलेज में हिजाब को लेकर माहौल गरमा गया था. कॉलेज प्रशासन ने मुस्लिम छात्राओं का क्लासरूम में हिजाब पहनकर आना प्रतिबंधित कर दिया था. वहीं कोपा स्थित सरकारी डिग्री कालेज में विद्यार्थियों का एक समूह कथित रूप से हिजाब पहनकर आ रहीं मुस्लिम लड़कियों का विरोध करने के लिए भगवा रंग का स्कार्फ (Students Wear Saffron Scarves) पहनकर कक्षा में पहुंच गया.
इस स्कूल में इच्छानुसार कपड़े पहनने की इजाजत
दूसरी तरफ, बालागाडी राजकीय डिग्री कालेज ने विद्यार्थियों को भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षा में आने की अनुमति दे दी और लड़कियों को हिजाब नहीं पहनकर आने को कहा था, लेकिन अब उसने 10 जनवरी तक सभी को अपनी इच्छा से कुछ भी पहनकर आने की अनुमति दे दी है. महाविद्यालय के प्राचार्य अनंत मूर्ति ने कहा कि हम 10 जनवरी को अभिभावक-शिक्षक बैठक कर रहे हैं, जिसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इस मुद्दे पर जो फैसला होगा, वह सभी के लिए बाध्यकारी होगा.