कश्मीर में पुलिस ने हिजबुल कमांडर के साथ मारे गए आतंकी तौसीफ की मां को गिरफ्तार किया
गिरफ्तार महिला पर आतंकियों को भर्ती करने, आतंकियों और आतंकी संगठनों को हथियार,संचार के साधन और रसद पहुंचाने का गंभीर आरोप है।
जनज्वार। कश्मीर में पुलिस ने पूर्व में मारे जा चुके आतंकी तौसीफ अहमद की माँ को गिरफ्तार कर लिया है। उसपर भी आतंकियों की भर्ती और उन्हें हथियार और अन्य सामान उपलब्ध कराने का आरोप है। तौसीफ दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले का रहने वाला था। पुलिस अब उस आतंकी के बहन की भी तलाश में है। दोनों मां-बेटी के विरुद्ध वर्ष 2018 में एक प्राथमिकी दर्ज है।
मई 2018 में हुए मुठभेड़ में तौसीफ हिजबुल कमांडर सदाम पदार और काश्मीर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मुहम्मद रफी के साथ मारा गया था। उस मुठभेड़ में कुल पांच आतंकी मारे गए थे।
पुलिस का कहना है कि विगत 20 जून को आतंकी तौसीफ की मां रामपुरा कुमाह निवासी नसीमा बानो को एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।
उस महिला के विरुद्ध धारा 13बी,17,18,18बी,19,39 के तहत प्राथमिकी संख्या 30/2018 दर्ज है।
पुलिस ने कहा है कि कानून के तहत उनकी गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तारी के बाद से ही वे अनन्तनाग स्थित महिला पुलिस स्टेशन में कानूनन बंदी हैं।
पुलिस ने यह भी कहा कि गिरफ्तार महिला गंभीर आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रही है। उस महिला की एक तस्वीर है जिसमें उसने ऑटोमेटिक हथियार लिया हुआ है और अपने पुत्र तौसीफ के साथ है। जिस समय की यह तस्वीर है,उस समय तौसीफ एक माना हुआ आतंकी था।
'फोटो तो उसके आपराधिक गतिविधियों की एक बानगी भर है। वह इससे भी ज्यादा गंभीर आपराधिक गतिविधियों में संलग्न रही है। वह महिला कम से कम दो युवाओं को आतंकी संगठन में भर्ती करने, आतंकियों और आतंकी संगठनों को हथियार उपलब्ध कराने,संचार सुविधा और रसद उपलब्ध कराने जैसी गतिविधियों में शामिल रही है।' ऐसा पुलिस का कहना है।
पुलिस ने आगे कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट किए गए हैं और उन्हें शेयर किया गया है जिससे इस मामले को दूसरा रूप दिया जा सके। इन पोस्टों में वास्तविक तथ्यों को छुपाकर औऱ तोड़-मरोड़कर शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की गई है। पुलिस ने इन्हें संज्ञान में लिया है और जो कोई भी ऐसे मामलों में संलिप्त पाया गया उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने कहा 'महज इसलिए कि वह एक महिला है और मारे गए आतंकी की मां है,गिरफ्तारी से बचाव नहीं हो सकता। पुलिस की यह ड्यूटी है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए अपराधियों को गिरफ्तार करे और पुलिस ने यही किया है। किसी को यह सही नहीं लगता और पुलिस के इस काम को चुनौती देना चाहता है तो वह अपनी शिकायत लेकर कोर्ट में जाने को स्वतंत्र है।'