सीमा विवाद पर मामला कहां तक हल हो सकता है इसकी गारंटी नहीं दे सकता : राजनाथ सिंह

रक्षामंत्री गलवान घाटी हमले के एक महीने बाद शुक्रवार को लद्दाख पहुंचे, उसके बाद वहां से वे श्रीनगर रवाना हुए...

Update: 2020-07-17 09:06 GMT

जनज्वार। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को लद्दाख दौरे के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सेना की अग्रिम पंक्ति की सुरक्षा तैयारी का जायजा लिया। उसके बाद उन्होंने सैनिकों को से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया। रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सीमा विवाद के समाधान के लिए बातचीत की प्रगति हुई है। उससे मामला हल होना चाहिए, लेकिन कहां तक होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता।



रक्षामंत्री ने कहा, लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती। उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अशांति नहीं चाहते, शांति चाहते हैं। हमने कभी दुनिया के किसी देश के स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की, लेकिन अगर दुनिया की कोई ताकत स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने की कोशिश करेगी तो उसे हम किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।



राजनाथ सिंह ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और चीन की सेना के जवानों के बीच हाल में जो कुछ हुआ मैं, यह कह सकताहूं किआप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की थी, बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की हैं।

रक्षामंत्री ने कहा, 'आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हालही में भारत और चीनी सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हुए अपनी सीमा की रक्षा की। उन्हें खोने के गम और आपस मिलने की खुशी है। रक्षामंत्री ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी'।

रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है। मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हमारे जवानों ने शहादत दी है। उन्होंने कहा कि इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख के दौरे के बाद श्रीनगर पहुंचे हैं। वे वहां सीमाओं की स्थिति की समीक्षा करेंगे और जम्मू कश्मीर में फारवर्ड एरिया का दौरा करेंगे।

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