कश्मीर में खबर छापने से पहले प्रशासन को दिखानी होगी कॉपी या वीडियो, विरोध में सड़कों पर उतरे पत्रकार

प्रदर्शनकारी इम्तियाज कहते हैं, मीडिया पॉलिसी समाचार पत्रों, चैनलों और अन्य सभी प्लेटफार्मों के खिलाफ है, पॉलिसी किसी भी स्टोरी को आगे ले जाने से पहले सरकार और पुलिस को सूचित करने का प्रावधान करती है....

Update: 2020-07-06 15:14 GMT

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में प्रशासन की नई मीडिया पॉलिसी के खिलाफ 'जे एंड के मीडिया गिल्ड' के बैनर तले पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। पत्रकारों ने यहां प्रेस एनक्लेव में इकट्ठा होकर 'मीडिया को चुप कराना बंद करो, हम लोकतंत्र के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं' आदि नारों के साथ बैनर निकालकर प्रदर्शन किया।

इन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नई मीडिया पॉलिसी जम्मू और कश्मीर में पत्रकारों को घेरने के उद्देश्य से बनाई गई है। सरकार और पॉलिसी के विशेषज्ञों को समझना चाहिए कि हम लोकतंत्र के एक स्तंभ हैं और तीन अन्य स्तंभों की तरह महत्वपूर्ण हैं।

एक प्रदर्शनकारी इम्तियाज कहते हैं, मीडिया पॉलिसी समाचार पत्रों, समाचार चैनलों और अन्य सभी प्लेटफार्मों के खिलाफ है। पॉलिसी किसी भी स्टोरी को आगे ले जाने से पहले सरकार और पुलिस को सूचित करने का प्रावधान करती है।


उन्होंने आगे कहा, अगर इसमें कोई विफल हो जाता है तो उसके समाचार पत्र का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी या सरकारी विज्ञापनों को रोक दिया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने तत्काल प्रभाव से इस नई पॉलिसी को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम सरकार का मुखपत्र नहीं बनना चाहते हैं। सरकार को इस पॉलिसी को रद्द करना चाहिए ताकि हमें अपने काम को पूरा करने के लिए स्वतंत्र माहौल मिल सके। 

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