Jammu-Kashmir : धारा 370 हटने से नाराज पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान, क्यों कहा - 'NC चुनाव लड़ेगी, मैं नहीं लड़ूंगा'

Jammu-Kashmir : मैं, जम्मू-कश्मीर राज्य का मुख्यमंत्री रह चुका है। वर्ममान में जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश है। केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता।

Update: 2022-04-30 08:45 GMT

Jammu-Kashmir : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त ( Abrogation of atrticle 370 ) करने के ऐतिहासिक फैसले के करीब पौने तीन साल हो गए, लेकिन वहां के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस ( National Conference )  के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ( Omar abdullah ) आज भी मोदी सरकार ( Modi government ) से सख्त नाराज हैं। उन्होंने एबीपी से विशेष बातचीत में कहा है कि धारा 370 को हटाना गलत फैसला था। कश्मीर के साथ गलत हुआ।

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर ( Jammu Kashmir ) के लोगों को धोखे में रख रही है। हम चाहते हैं सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) इस मुद्दे पर अपना फैसला दे। कोर्ट के फैसले का मुझे इंतजार है।

उमर अब्दुल्ला ( Omar abdullah ) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में नया निवेश कुछ नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर में हालात अभी भी ठीक नहीं हैं। केंद्र के इस फैसले से उनकी नाराजगी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने तक का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस चुनाव लड़ेगी, पर मैं चुनाव नहीं लडूंगा।

यह पूछे जाने पर कि ऐसा क्यों, तो उन्होंने कहा कि मैं, जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) राज्य का मुख्यमंत्री रह चुका हूं। वर्ममान में जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश है। मैं, केंद्रशासित प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता।

उन्होंने पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) से अपील की है कि अगर वो कुछ कर सकते हैं तो एक काम करें। दिल्ली ( Delhi ) और दिल की दूरी कम करें। वो, इतना कर लेंगे यही कश्मीर ( Kashmir ) के लोगों के लिए काफी है।

हलाल मीट लाउडस्पीकर को लेकर भी बोला था हमला

Jammu-Kashmir : इससे पहले उमर अब्दुल्ला ( Omar Abdullah ) ने का था कि आप कहते हैं कि हलाल मीट ( halal Meat ) नहीं बिकना चाहिए। हमारे मजहब में लिखा है कि हलाल मीट ही खाना है। आप इसपर रोक क्यों लगा रहे हैं? हम आपको हलाल मीट खाने पर मजबूर नहीं कर रहे कि आप हलाल मीट खाएं। हम आपसे नहीं कहते कि मंदिरों में माइक ( loudspeaker ) नहीं लगने चाहिए। क्या मंदिरों, गुरुद्वारे में माइक नहीं लगते? लेकिन आपको सिर्फ हमारा माइक खटकता है, हमारा मजहब खटकता है। आपको हमारे कपड़े पसंद नहीं हैं। आपको हमारा नमाज पढ़ने का तरीका पसंद नहीं है।   

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