अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से दिया इस्तीफा

गिलानी ने कहा कि हु्र्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हुर्रियत के सारे प्लेटफॉर्म से अलग होने का फैसला किया है। फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है..

Update: 2020-06-29 08:17 GMT

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से इस्तीफा दे दिया है। गिलानी ने एक ओडियो मैसेज जारी करते हुए गिलानी ने कहा कि उन्होंने अपने फैसले के बारे में सभी तो बता दिया है। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है। 

गिलानी ने कहा, 'हु्र्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा हालात को देखते हुए मैंने हुर्रियत के सारे प्लेटफॉर्म से अलग होने का फैसला किया है। फैसले के बारे में हुर्रियत के सारे लोगों को चिट्ठी लिखकर कर सूचना दे दी गई है।'


बताया जा रहा है कि सैय्यद अली शाह गिलानी की बीते कुछ महीनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था। इसी साल फरवरी में उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। उनकी सेहत को लेकर कई बार अफवाहें उड़ाई गईं लेकिन बाद में वो ठीक हो गए थे। 

नब्बे के दशक में अलगाववादी नेता बने गिलानी का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है। पिछले साल उनके खिलाफ आयकर विभाग ने भी कार्रवाई की थी। उनके दिल्ली स्थित फ्लैट को जब्त किया गया था। गिलानी का ये फ्लैट मालवीय नगर के खिड़की एक्शटेंशन में है। आयकर विभाग का आरोप है कि गिलानी ने 1996-97 और 2001-02 के बीच कोई टैक्स नहीं भरा।

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आयकर विभाग के मुताबिक गिलानी पर 3.62 करोड़ से ज्यादा टैक्स बकाया था। इसके बाद साल 2018 में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ 14.40 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया था।

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