कश्मीरी पंडितों की मोदी सरकार से मांग, कश्मीर में किसी और को बसाने से पहले करें हमारा पुनर्वास

जब तक घाटी में कश्मीरी पंडित बस नहीं जाते, डोमिसाइल सर्टिफिकेट को जारी करने से रोकने की मांग करते हैं...

Update: 2020-06-28 11:40 GMT
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शेख कयूम की रिपोर्ट

श्रीनगर, जनज्वार। प्रवासी कश्मीर पंडितों ने रविवार 28 जून को जम्मू एवं कश्मीर में अन्य लोगों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने से पहले खुद का पुनर्वास करने और अपने घरों में वापस लौटने की मांग की।

प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक संगठन ने अपने बयान में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के समाधान, वापसी और पुनर्वास की मांग रखी। इस संगठन के अध्यक्ष सतीश महलदार हैं।

संगठन ने अपने बयान में कहा, "जब तक घाटी में कश्मीरी पंडित बस नहीं जाते, डोमिसाइल सर्टिफिकेट को जारी करने से रोकने की मांग करते हैं।"


बयान के अनुसार, "ऐसा लगता है कि मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों की कीमत पर अन्य गैर-निवासी और शरणार्थियों को लुभाने में व्यस्त है। मौजूदा सरकार ने कहा है कि प्रवासी और विस्थापित कश्मीरी पंडितों को घाटी के 10 जिलों में बसाया जाएगा, लेकिन अब तक इस संबंध में कोई भी पहल नहीं की गई है।"

बयान के अनुसार, "हम मांग करते हैं कि भारत सरकार को तत्काल कश्मीरी पंडित के पुनर्वास नीति को सामने लाना चाहिए। हमारी मांग है कि इसकी घोषणा किसी भी व्यक्ति को डोमिसाइल सर्टिफिकेट देने से पहले की जानी चाहिए। इसे जारी करने की प्रक्रिया को तत्काल रोका जाना चाहिए।"

संगठन ने कहा, " हमारे मुलभूत अधिकारों और संवैधानिक अधिकारों को गत 31 वर्ष से नकारा जा रहा है। और हमारा पुनर्वास करने से पहले डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करना मूल संवैधानिक और मानव अधिकारों का हनन है।"

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