महबूबा मुफ्ती का मोदी सरकार पर वार- आतंकियों के मददगार पुलिसकर्मी को छोड़ दिया गया, बेकसूर कश्मीरी जेल में
महबूबा ने ट्वीट कर सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीरियों को निर्दोष साबित होने तक दोषी माना जाता है...
जनज्वार। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कश्मीर और कश्मीरियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल एक वाहन में आतंकियों को ले जाने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह को छोड़ दिया गया जबकि आतंक रोधी कानूनों के तहत बेकसूर कश्मीरियों को वर्षों तक जेल में रहना पड़ता है।
महबूबा ने ट्वीट कर सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कश्मीरियों को "निर्दोष साबित होने तक दोषी माना जाता है।"
महबूबा की टिप्पणी ऐसे वक्त आयी है जब पुलिस उपाधीक्षक सिंह को सेवा से बर्खास्त करने के 20 मई के एक सरकारी आदेश की एक प्रति सोशल मीडिया पर सामने आयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आधिकारिक आदेश के तहत उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत सिंह को "तत्काल प्रभाव" से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया गया था। यह प्रावधान सरकार को जांच किए बिना किसी को सेवा से हटाने की अनुमति देता है और इस निर्णय को केवल उच्च न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकती है।
महबूबा ने एक ट्वीट में सवाल किया, "आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत गिरफ्तार किए गए मासूम कश्मीरी सालों से जेलों में सड़ रहे हैं। उनके लिए मुकदमा ही सजा बन जाता है। लेकिन, भारत सरकार आतंकियों के साथ रंगे हाथ पकड़े गए पुलिसकर्मी के खिलाफ जांच नहीं कराती है। क्या ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसने कुछ घटिया घटनाओं को अंजाम देने के लिए व्यवस्था के साथ मिलीभगत की?"