आतंकवादियों की मदद करने वाला DSP मांग रहा जमानत, कोर्ट से कहा दोषी ठहराने का नहीं कोई सबूत

निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह ने यह कहते हुए जमानत मांगी है कि इसका कोई सबूत नहीं है कि हमने कोई ऐसा कृत्य करने की साजिश की गई हो, जिससे देश की संप्रभुता को खतरा हो....

Update: 2020-06-09 15:17 GMT

जनज्वार। जम्मू-कश्मीर के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह ने अंतरिम जमानत के लिए मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में अर्जी लगाई है। सिंह को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को ले जाते हुए गिरफ्तार किया गया था। सिंह के अलावा दो अन्य आरोपियों सैयद नावेद मुश्ताक और इमरान शफी मीर ने भी जमानत मांगी है। दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल एक आतंकी हमले की कथित योजना बनाने में उसकी भूमिका की जांच कर रहा है।

तीनों ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि कोई ऐसा कृत्य करने की साजिश की गई हो, जिससे देश की संप्रभुता को खतरा हो। अदालत ने मामले को बुधवार 10 जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

याचिका में कहा गया है कि आरोपियों को गलत तरीके से फंसाया गया है और इस बात की पुष्टि करने के लिए भी कोई सामग्री नहीं है कि अभियुक्त का आतंकी हमले को अंजाम देने का कोई इरादा था या कोई साजिश थी।

सिंह फिलहाल 16 जून तक जम्मू-कश्मीर की हीरा नगर जेल में न्यायिक हिरासत में है। सिंह के अलावा तीन अन्य आरोपी जावेद इकबाल, सैयद नावेद मुश्ताक और इमरान शफी मीर भी हिरासत में हैं।

दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल उसे एक अन्य मामले में पूछताछ के लिए मार्च में हीरा नगर जेल से राष्ट्रीय राजधानी ले आया था।

पुलिस ने पहले अदालत को बताया था कि शोपियां जिले में हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर मुश्ताक अन्य आतंकवादियों के साथ दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में एक आतंकवादी हमले को अंजाम देने की योजना बना रहा था और उसके टारगेट पर संरक्षित व्यक्ति थे।

इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर और पंजाब के युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्राथमिकी के तहत सिंह को हिरासत में ले लिया गया और उससे खालिस्तान के एंगल से भी पूछताछ की गई।

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