Mahant Narendra Giri death : महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या केस में सामने आया नया एंगल, पुलिस को मिलीं सल्फ़ास की गोलियां
निरंजनी अखाड़ा के रविंद्र पुरी ने मीडिया के सामने सवाल उठाया है कि कोई भी अगर फांसी लगायेगा तो उसके सिर के पीछे चोट कैसे हो सकती है, महंत नरेंद्र गिरी कि ना जुबान चढ़ी, न आंखें... तो ये फांसी कैसे हो सकती है...
Mahant Narendra Giri death, जनज्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) की कथित आत्महत्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दम घुटना बताये जाने के बाद आज 22 सितंबर को उन्हें प्रयागराज (Pryagraj) में जल समाधि दे दी गयी है, जिसमें भारी संख्या में राजनेताओं समेत साधु-संत और उनके अनुयायी मौजूद रहे। हालांकि अभी भी उनकी हत्या और आत्महत्या का सवाल उलझा ही हुआ है। इसे उलझाने में पुलिस जांच में सामने आया वह सच है, जिससे तमाम सवाल उठ रहे हैं।
आज तक में प्रकाशित खबर के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या मामले में एक बड़ी जानकारी यह सामने आई है कि पुलिस ने सल्फास की गोलियां जब्त की हैं। पुलिस अब पता लगा रही है कि क्या जहर महंत नरेंद्र गिरी ने ही मंगाया था। अपने सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने 13 सितंबर को आत्महत्या करने की बात लिखी थी, लेकिन फिर किन वजहों से उन्होंने ऐसा नहीं किया, यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत को लेकर साधु संतों के भी तमाम विरोधाभासी बयान आ रहे हैं। निरंजनी अखाड़ा के रविंद्र पुरी ने मीडिया के सामने सवाल उठाया है कि कोई भी अगर फांसी लगायेगा तो उसके सिर के पीछे चोट कैसे हो सकती है? महंत नरेंद्र गिरी कि ना जुबान चढ़ी, न आंखें... तो ये फांसी कैसे हो सकती है।
हालांकि महंत नरेंद्र गिरी मामले में मुख्य आरोपी और कभी उनके प्रिय शिष्य रहे आनंद गिरी ने बड़ा दावा (Big claim) किया था कि गुरुजी (Guruji) आत्महत्या कर ही नहीं सकते। वहीं रही बात सुसाइड नोट की तो उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri) को लिखना पढ़ना ही नहीं आता था ऐसे में वह इतने ज्यादा पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए।
आनंद गिरी ने यह भी कहा था कि वो इस मामले में किसी भी तरह की जांच (Any type of enquiry) के लिए तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। आनंद गिरी ने कहा कि लोग हमें रास्ते से हटाना चाहते थे और कुछ लोग लगातार गुरुजी को परेशान भी कर रहे थे।
पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला उसमें कथित तौर पर महंत नरेंद्र गिरी ने लिखा था, 'मेरी मौत की जिम्मेदार आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी संदीप तिवारी पुत्र आद्या प्रसाद तिवारी की होगी। प्रयागराज के सभी पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध करता हूं। मेरे आत्महत्या की जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए जिससे मेरी आत्महत्या को शांति मिले।
बलवीर गिरी मठ मंदिर का व्यवस्था प्रयास करना, जिस तरह से मैंने किया। इसी तरह से करना। आशुतोष गिरी, नीतीश गिरी एवं गद्दी की सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना। परम पूज्य महंत हरगोविंद पुरी से निवेदन है कि गद्दी का महंत बलवीर गिरोह को बनाना। महंत रवींद्र पूरी जी सजावट आपने हमेशा साथ दिया। मेरे मरने के बाद बलवीर गिरी का ध्यान दीजिएगा। सभी को मेरा- ओम नमो नारायण।
मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो यह 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरी कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला की मेरी फोटो लगाकर गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा।