Who Is Mahant Ramsundar Das : जानिए कौन है रामसुंदर दास जिन्होंने कर दी थी महात्मा गांधी को गाली देने वाले कालीचरण महाराज की बोलती बंद

Who Is Mahant Ramsundar Das : महंत रामसुंदर दास (Mahant Ramsundar Das) ने कालीचरण का विरोध कर कार्यक्रम से निकल गए थे। दूधाधारी मठ के संचालक रामसुंदर दास की अब खूब चर्चा हो रही है...

Update: 2021-12-28 11:48 GMT

जानिए कौन है रामसुंदर दास

Who Is Mahant Ramsundar Das : महंत रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) ने कालीचरण का विरोध कर कार्यक्रम से निकल गए थे। दूधाधारी मठ के संचालक रामसुंदर दास की अब खूब चर्चा हो रही है। बता दें कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक धर्म संसद चली, जिसमें साधु-संतों के दिए गए भाषण के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि हरिद्वार के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है। रविवार को रायपुर में इसी कार्यक्रम में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया, जिसके बाद वहां पर मौजूद महंत राम सुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) ने नाराजगी जताई और कहा कि मैं इस धर्म संसद से खुद को अलग करता हूं।

रामसुदंर दास का राजनीतिक

रामसुदंर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) का धर्म के साथ-साथ महंत रामसुदंर दास का राजनीति से भी गहरा लगाव है। कांग्रेस पार्टी से वह विधायक भी रहे हैं। बता दें कि रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) अभी छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं। रामसुंदर दास की नजदीकियां सीएम भूपेश बघेल से भी खूब हैं। महंत रामसुंदर दास हमेशा सीएम भूपेश बघेल के साथ कार्यक्रमों में नजर आते हैं। विधानसभा में महंत सुंदरदास जब बोलते थे कि सत्ता और विपक्ष के लोग उनकी बातों को ध्यान से सुनते थे।

ऐसे बने थे मठ उत्तराधिकारी

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में जन्मे रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) अपने बाल्यकाल में ही रायपुर आ गए थे। यहां के ऐतिहासिक दूधाधारी मठ में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई की था। इसके साथ-साथ धार्मिक कार्यों में रहते हुए मठ में काम किया। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार रामसुंदर दास बेहतर ज्ञान और अपने निस्वार्थ भावना के लिए जाने जाते हैं। राम सुंदर दास ने संस्कृत में एमए किया है।

साथ ही साहित्य आचार्य की उपाधि लेने के बाद पीएचडी भी की है। पीएचडी में रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) का विषय रामायण कालीन ऋषि मुनियों का तुलनात्मक अध्ययन था| मठ के प्रति उनकी निस्वार्थ भावना को देखते हुए उस वक्त के तत्कालीन महंत वैष्णव दास ने उन्हें प्रभावित होकर अपने बाद मठ उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। महंत वैष्णव दास के देहांत के बाद मठ संचालन महंत रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) करने लगे।

लड़ा था छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

बता दें कि राम सुंदर दास ने 2003 में महंत रहते हुए छत्तीसगढ़ के पामगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। जिसमें रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) को जीत हासिल हुई थी। इसके बाद उन्होंने 2008 में जयजयपुर से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। हालांकि 2013 के चुनाव में उसी क्षेत्र से बहुत ही कम अंतर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बता दें कि महंत रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) कांग्रेस पार्टी से पूर्व में विधायक रहे और वर्तमान में कांग्रेस की भूपेश सरकार बनने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया।

धर्म संसद से खुद को अलग किया

हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण की बदजुबानी के बाद महंत रामसुंदर दास (Who Is Mahant Ramsundar Das) मंच पर आए थे। मंच पर आने के बाद रामसुंदर दास ने कहा कि 'मैं आप सबसे पूछना चाहता हूं, इस बात को कि इस धर्म संसद के मंच से जो बात कही गई। जिसपर आप सबने खूब ताली बजाई थी। क्या महात्मा गांधी सही में गद्दार थे? टीवी का रेकॉर्ड है। आप सब देखिए। यही शब्द कहा गया था। ताली और थाली खूब बजी थी। 1947 की वह घटना याद करिए। जिस परिस्थितवस भारत स्वतंत्र हुआ। महात्मा गांधी ने क्या कुछ नहीं किया। अब उनके विषय में इस धर्म संसद से ऐसी बात? मैं बहुत क्षमा चाहता हूं आप सब से। लेकिन इस धर्म संसद से मैं खुद को अलग करता हूं।'

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