Mohammad Zubair News : मोहम्मद ज़ुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने शाम 6 बजे तक तिहाड़ जेल से छोड़ने का दिया आदेश, कहा आप पत्रकार को लिखने - बोलने से नहीं रोक सकते

Mohammad Zubair News : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और तथ्य-जांचकर्ता मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी 6 प्राथमिकी में जमानत दे दी...

Update: 2022-07-20 10:29 GMT

Mohammad Zubair News : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक और तथ्य-जांचकर्ता मोहम्मद जुबैर को उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी 6 प्राथमिकी में जमानत दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा, 'निरंतर हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है।' सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस दौरान यूपी सरकार की तरह से गठित की गई एसआईटी को भी भंग कर दिया गया है। मोहम्मद जुबैर को 20 हजार के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी गई है।

निरंतर हिरासत में नहीं रख सकते

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मोहम्मद जुबेर को बड़ी राहत दी है और उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबेर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी छह के केसों पर अंतरिम बेल के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 'निरंतर हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है।'

मोहम्मद जुबैर के सभी केस हो सकते है दिल्ली ट्रांसफर

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एक समेकित जांच की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही जुबैर के खिलाफ यूपी में दर्ज सभी प्राथमिकी को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया है।

उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को ट्वीट करने से रोकने की यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने कहा है कि 'यह एक वकील से बहस न करने के लिए कहने जैसा है। एक व्यक्ति को बोलने के लिए नहीं। वह जो कुछ भी करता है, वह कानून में जिम्मेदार होगा लेकिन हम एक पत्रकार को नहीं लिखने के लिए नहीं कह सकते हैं।'

मोहम्मद जुबैर को देना होगा 20 हजार रुपए जमानत बांड

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मोहम्मद जुबैर को 20,000 रुपये के जमानत बांड के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मोहम्मद जुबैर अपने खिलाफ दर्ज सभी या किसी भी प्राथमिकी को रद्द करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि प्राथमिकी का स्थानांतरण सभी मौजूदा व भविष्य की सभी प्राथमिकियों पर लागू होगा, जो भी इस मुद्दे पर दर्ज की जा सकती हैं।

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