तारिक फतेह ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलने पर योगी का किया बचाव, कहा मेरा नाम 'तरक' जो है संस्कृत का शब्द
पाकिस्तान में भारी विरोध झेलने वाले लेखक तारिक फतेह हिंदुस्तान में शरण लिए हुए हैं और भाजपा व उसकी सरकारों के फैसलों का बचाव करते हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा आगरा के निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम बदलने के फैसले का भी उन्होंने
जनज्वार। देश में इन दिनों ऐतिहासिक इमारतों, संस्थानों हर चीज का नाम बदलने का चलन तेज हो गया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम बदल कर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर करने का ऐलान किया। इसकी वजह बतायी गई की कि आजाद हिंदुस्तान में गुलाम प्रतीकों का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है।
इस मुद्दे पर मंगलवार को टीवी बहस के दौरान पाकिस्तान के विवादस्पद लेखक तारिक फतेह ने योगी सरकार का बचाव किया और बहस में हिस्सा ले रहे वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने जब यह कहा कि तारिक साहेब को भी अपना मुगलिया नाम बदल लेना चाहिए। इस पर तारिक फतेह ने दलील दी कि उनका नाम तरक है, जो संस्कृत का शब्द है।
तारिक फतेह आजतक के शो दंगल में कहा कि योगी सरकार द्वारा मुगल म्यूजियम का नाम बदलना गुलामी के प्रतीकों को हटाने की दिशा में पहला कदम होगा। उन्होंने कहा कि हजार साल हो गए गुलामी के अबतक तो सब लोग बैठे हुए हैं। देश के आजादी के 70 साल का हो गया लेकिन बदला नहीं गया। उन्होंने कहा कि बाबर यहां न पैदा हुआ, न यहां मरा, नफरत करके गया हजारों लाखों का कत्ल करके गया और हमे उसे हिंदुस्तान का बादशाह कहेंगे?
तारिक फतेह ने कहा कि ताजमहल को हिंदुस्तानियों ने बनाया क्या इसे बनाने के लिए चीन से लोग आए। उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ऐसा मुल्क नहीं है जिसने खुद पर हमला करने वालों को सिर पर बैठाया है सिवा भारत को छोड़ कर। उन्होंने कहा कि यह ब्लैकमेल चलता आ रहा है आजादी के बाद से।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी हुई जब दिल्ली के बीच से औरंगजेब रोड का नाम बदला गया। फतेह ने कहा कि हिंदुस्तान के इतने बड़े दुश्मन का नाम हटाने से उन्हें खुशी हुई। उन्होंने कहा कि मुगलों ने हिदुस्तान में हिंदुओं, सिखों, मुसिलमों व सिया पर जुल्म हुआ और हम उसे सेलिब्रेट करेंगे। उन्होंने कहा कि कुतुबमीनार को जैन मंदिरों को तोड़ कर बनाया गया और हम उसे सेलिब्रेट करेंगे। उन्होंने कहा कि मुगल मंगोल थे तो वे इस देश को लूटने आये थे।
पत्रकार आशुतोष ने टीवी बहस के दौरान कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मुगल नाम गुलामी का प्रतीक है तो ताजमहल, लालकिला, कुतुब मीनार यहां तक की संसद भवन को भी गिरा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों ने करवाया था। आशुतोष ने कहा कि उन तमाम प्रतीकों को ध्वस्त कर देना चाहिए जिसका निर्माण मुगलों व अंग्रेजों ने करवाया था।