Rajasthan News: दलित बच्चे ने मटकी से पानी पिया तो शिक्षक ने मासूम पर बरपाया कहर, सात अस्पतालों में इलाज के बाद हुई बच्चे की मौत

Rajasthan News: देश के सामंतवादी मूल्यों की रक्षा में अग्रणी राजस्थान से एक दलित बच्चे की खौफनाक पिटाई के बाद मौत की दारुण खबर आ रही है।

Update: 2022-08-13 17:48 GMT

Sayla Jalore News today: 40 घंटे बाद हुआ दलित छात्र का अंतिम संस्कार, गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव

Rajasthan News: देश के सामंतवादी मूल्यों की रक्षा में अग्रणी राजस्थान से एक दलित बच्चे की खौफनाक पिटाई के बाद मौत की दारुण खबर आ रही है। आजादी का अमृतकाल मनाते समाज में बच्चे का कसूर यह था कि वह इस तथ्य से अनजान था कि कथित तौर नीची जात में जन्म लेने के कारण ऊंची जात के शिक्षक की मटकी का पानी पीना उसका हक़ में शामिल नहीं था। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना 20 जुलाई की है। करीब तीन सप्ताह से अधिक समय तक आधा दर्जन से अधिक अस्पतालों में इलाज कराने के बाद स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ से दो दिन पूर्व इस बच्चे की मौत हो गई।

घटना राजस्थान के जालौर जनपद की सायला तहसील के सुराणा इलाके की है। जहां मेघवाल नाम की दलित जाति के देवाराम पुत्र पोलाराम का बेटा इन्द्र कुमार सुराणा के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी का छात्र है। हर रोज की तरह इन्द्र कुमार 22 जुलाई को स्कूल पढ़ने के लिए गया था। इस दौरान इन्द्र कुमार को जब पीने के पानी की प्यास लगी तो उसने स्कूल में रखी पानी पीने की मटकी से पानी निकालकर पानी पी लिया। इन्द्र कुमार नादान होने से उसे यह पता नहीं था कि वह मटकी स्वर्ण जाति के अध्यापक छैलसिंह के लिए अलग से रखी हुई थी। अध्यापक छैलसिंह को जब उसकी मटकी से इंद्र के पानी पीने की बात पता चली तो वह बच्चे पर आगबबूला हो गया।

गुस्से में तमतमाए छैलसिंह ने आव देखा न ताव। मुंह से गंदी गंदी जातिवादी गालियां देते हुए वह वहशी दरिंदे की तरह नौ वर्षीय बालक पर टूट पड़ा। बेरहमी से हुई बच्चे की इस पिटाई की वजह से बच्चे के दिमागी नस पर चोट लग गयी। मास्टर ने उसकी एक आंख भी फोड़ डाली। हाथ पैर सुन्न होने के साथ ही बच्चे को बहुत ज्यादा आंतरिक चोटे आई। लहूलहान हालत में घर पहुंचे बच्चे की हालत देखकर परिजनों के रोंगटे खड़े हो गए। बच्चे को डॉक्टर्स से दवाई दिलाई गई लेकिन जब उससे कुछ लाभ नहीं हुआ तो बच्चे को पहले एक अस्पताल और फिर दूसरे अस्पताल में दिखाते हुए परिजनों ने आधा दर्जन से अधिक अस्पतालों में अपने बच्चे का इलाज कराया। लेकिन अंततः बच्चे ने 13 अगस्त की सुबह दस बजे दम तोड़ दिया।

इस मामले में बच्चे के ताऊ किशोर कुमार ने सायला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि मेरे भाई देवाराम का पुत्र इन्द्र कुमार सुराणा के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में कक्षा तीसरी में पढ़ता है। हर रोज की तरह दिनांक 20.07.2022 को इन्द्र कुमार स्कूल पढ़ने के लिए गया था। इस दौरान करीब 10:30-11 बजे इन्द्र कुमार को प्यास लगने से वह स्कूल में रखी पानी पीने की मटकी से पानी पीने गया और पानी पी लिया। इन्द्र कुमार नादान होने से उसे यह पता नहीं था कि वह मटकी स्वर्ण जाति के अध्यापक छैलसिंह के लिए अलग से रखी हुई थी. जिससे भूलवश इन्द्र कुमार ने अध्यापक छैलसिंह की मटकी से पानी पी लिया तो अध्यापक छैलसिंह ने छात्र इन्द्र कुमार को कहा कि साला ढेड़, नीच, कौड़ा नीची जाति का होकर हमारी मटकी से पानी कैसे पिया और मारपीट कर दी, जिससे उसके दाहिने कान और आंख पर अंदरूनी चोटें आई।

कान में ज्यादा दर्द होने पर इन्द्र कुमार स्कूल के सामने अपने पिता देवाराम की दुकान पर गया और घटना की जानकारी देवाराम को दी। इसके बाद देवाराम बच्चे को सुराणा मेडिकल की दुकान से दवाई दिलाकर घर ले गया। बच्चे के ज्यादा दर्द होने पर वह बजरंग अस्पताल बागोड़ा, आस्था अस्पताल भीनमाल, त्रिवेणी अस्पताल भीनमाल, करणी अस्पताल डीसा, मेहसाणा, गीतांजलि अस्पताल उदयपुर और सिविल अस्पताल अहमदाबाद उपचार के लिए लेकर घूमता रहा, ताकि इन्द्र कुमार का उपचार हो सके और स्वस्थ हो जाए, लेकिन आज दिनांक 13.08. 2022 को सुबह 11 बजे जैर इलाज इन्द्र कुमार की मृत्यु हो गई। यदि छैलसिंह अकारण बच्चे के साथ मारपीट नहीं करता तो इन्द्र कुमार आज नहीं मरता छैलसिंह ने दुर्भावना से इन्द्र कुमार के साथ मारपीट की और इस कदर मारपीट की कि उसकी मृत्यु हो गई है। रिपोर्ट इसलिए देरी से दे रहा हूं कि हम परिजन इन्द्र कुमार के उपचार में बाहर थे। अतः रिपोर्ट पेश कर निवेदन है कि अध्यापक छैलसिंह के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज कर शीघ्र गिरफ्तार करवाए।

इस पूरे घटनाक्रम को दलित मामलों को सोशल मीडिया पर उठाने वाले आरपी विशाल ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए लिखा है कि लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला हुआ है। कारण यह कि सलमान रुश्दी अक्सर कुरीतियों और अपने धार्मिक जहालतों पर बोलते, लिखते रहते थे। उनके ख़िलाफ़ फतवा भी जारी हुआ था। उसी के चलते अब उन पर चाकुओं से वार हुआ है। मैं तो इसे आतंकवादी वारदात मानता हूं आप मे से कितने लोग हैं जो इसे (जालौर वाली घटना को) आतंकवादी घटना कह सकते है ? इतनी क्रूरता आजकल कोई किसी जानवर के साथ करने से पहले भी हिचकता और डरता है लेकिन एक जातिवादी शिक्षक ने मासूम बच्चे के साथ यह क्रूरता कर डाली। मेरे लिए यह भी एक आतंकवादी वारदात है। मेरे साथ कितने लोग इसे भी आतंकवादी घटना कहेंगे? याद रखें भारत में जातिवाद ही आतंकवाद है। इसका प्रमाण भी यही है कि जातिवाद मूल आतंकवाद से अधिक क्रूर और वहशी विचारधारा है। जितने लोग विश्वभर में आतंकी घटनाओं से नहीं मारे जाते उसके दुगुने भारत के केवल एक राज्य में जातिवाद के चलते मारे जाते हैं।

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