भारत में बनी कोरोना की दवा का 7 जुलाई से शुरू होगा क्लिनिकल ट्रायल, 15 अगस्त तक आएंगे नतीजे

7 जुलाई से वैक्सीन का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो जाएगा। ट्रायल के नतीजे ठीक रहे तो कुछ ही समय में वैक्सीन बाजार में आ सकती है...

Update: 2020-07-03 06:49 GMT
प्रतीकात्मक फोटो

जनज्वार। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 15 अगस्त तक कोरोना की पहली भारतीय वैक्सीन के ट्रायल रिजल्ट जारी कर दिए जाएंगे। 7 जुलाई से इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा। भारत बायोटेक और ICMR(Indian council of medical research) का यह जॉइंट प्रोजेक्ट है। हालांकि उसके बाद भी इस वैक्सीन के बाजार में आने में कुछ वक्त लग सकता है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डीजी बलराम भार्गव ने वैक्सीन के निर्माता कंपनी भारत बायोटेक और मेडिकल कॉलेज के प्रधान शोधार्थियों को एक पत्र लिखा है। पत्र में वैक्सीन के फ़ास्ट ट्रैक मेथड से क्लिनिकल ट्रायल करने का निर्देश दिया गया है ताकि 15 अगस्त तक इसके रिजल्ट को जारी किया जा सके। भारत बायोटेक को हल में ही इसके क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मिली है।

पत्र में कहा गया है 'यह भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन है और सरकार के वरिष्ठतम लोगों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वारोलॉजी,पुणे द्वारा SARS-COV-2 के स्ट्रेन को आईशोलेट किया गया है। भारत वैक्सीन के साथ ही ये दोनों इंस्टीट्यूट भी इस वैक्सीन के प्रिक्लिनिकल और क्लिनिकल कार्यो को संपादित कर रहे हैं।'

इस क्लिनिकल ट्रायल के लिए 12 इंस्टीट्यूट्स को लगाया जा रहा है, ताकि इसका फ़ास्ट ट्रैक क्लिनिकल ट्रायल किया जा सके।

डॉ भार्गव द्वारा लिखे पत्र में कोविड-19 को लेकर इमरजेंसी की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा गया है 'आपलोगों का चयन BBV152 COVID वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के लिए किया गया है। कोविड-19 के कारण पब्लिक हेल्थ के इमरजेंसी की स्थिति है। इस महामारी को देखते हुए हर हाल में 7 जुलाई तक इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू कर दिया जाय।'

हालांकि इस पत्र को लेकर पहले मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि वैक्सीन 15 अगस्त तक तैयार हो जाएगी। इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डॉ भार्गव ने मीडिया से कहा कि पत्र का उद्देश्य यही था कि इसका क्लिनिकल ट्रायल 15 अगस्त के पूर्व समाप्त कर लिया जाय ताकि 15 अगस्त तक ट्रायल के नतीजे जारी किए जा सकें।

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