Siwan News : नीतीश राज में एक बार फिर जहरीली शराब ने बरपाया कहर, सिवान में चार मजदूरों की मौत
Siwan News : नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। इस दौरान सरकार ने दलील दी कि शराब बंदी से राजस्व का भले ही नुकसान है । लेकिन विशेषकर गरीबों को शराब से जान माल का जो नुकसान उठाना पड़ता था।
Siwan News : पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य बिहार (Bihar) में अवैध शराब (Illegal Liquor) के धंधे का खेल एक बार फिर उजागर हुआ है। सिवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र के बेलूर गांव में 25 अक्टूबर दिन सोमवार की की तड़के से ही लगातार जहरीली शराब पीने से लोगों के मौत की खबरें आ रही हैं। जिसमें अब तक चार लोगों के मौत की ग्रामीणों ने पुष्टि की है। पुलिस प्रशासन के पकड़ से बचने के लिए अभी भी आधा दर्जन लोगों विभिन्न स्थानों पर इलाज चल रहा है। घटना उजागर होने के बाद से गांव में पुलिस कैंप कर रही है।
मृतकों की पहचान शिवजी यादव, मनोज राम, अनवर मियां और दुखहरण राम के रूप में हुई है।हैं। तीन बेलोड़ी गांव तो एक बगल के गांव बेलउर का निवासी था।
बताया जाता है कि पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए परिजन चारों का शव लेकर दाह संस्कार करने के लिए पहुंचे थे लेकिन सामाजिक कार्यकताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। उन्होंने एसपी को घटना से अवगत कराया क्योंकि गुठनी पुलिस मामले को रफा-दफा करने के मूड में थी। हालांकि डीएम और एसपी के निर्देश पर स्थानीय पुलिस जांच में जुट गई है।
इस मामले में सिवान के डीएम ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी। फिलहाल इस बिंदु पर जांच की जा रही है और सबका पोस्टमार्टम किया जाएगा। डीएम ने कहा कि बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पता चल पाएगा।
शराब बंदी के बाद बिहार में अवैध निर्माण जोरों पर
नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। इस दौरान सरकार ने दलील दी कि शराब बंदी से राजस्व का भले ही नुकसान है । लेकिन विशेषकर गरीबों को शराब से जान माल का जो नुकसान उठाना पड़ता था। उसमें कमी आएगी। दूसरी तरफ हाल यह है कि शराब बंदी के बाद जनवरी 2021 तक दो लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज किए गए। करीब 51.7 लाख लीटर देशी शराब और 94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की गई। इससे यह साबित होता है कि बंदी के बाद से यह धंधा जमीनी स्तर पर बड़े कारोबार का शक्ल ले लिया है। अन्य राज्यों से तस्करी के अलावा बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहा है। जिसका नतीजा है लगातार शराब बरामदगी और जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाएं।
वैशाली जिले में अगस्त माह में तीन लोगों की हुई थी मौत
वैशाली जिले में चकसिंगार पंचायत वार्ड नंबर 6 की महादलित बस्ती में 25 अगस्त को जहरीली देसी शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं गंभीर रूप से बीमार चार लोगों का विभिन्न जगहों पर इलाज कराया गया। जहरीली शराब पीने से जितेंद्र राम, शिवकुमार राम की सुबह-सुबह ही मौत हो गई थी। वहीं 50 वर्षीय शिवजी पासवान, 38 वर्षीय उदय राम की स्थिति खराब होने पर परिजनों एवं पुलिस की सहायता से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राघोपुर फतेहपुर में भर्ती करवाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद पटना रेफर कर दिया। एनएमसीएच में इलाज के दौरान शिवजी पासवान ने दम तोड़ दिया। वहीं दिनेश राम, विजय राम, लुलहा बिंद को परिजन पटना में प्राइवेट डॉक्टर के यहां उपचार कराए।
होली में जहरीली शराब से 14 की हुई थी मौत
बिहार में जहरीली शराब से विभिन्न जिलों में होली के समय 14 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें नवादा में 6, सासाराम में 5, बेगूसराय में 2 और मुजफ्फरपुर में एक शख्स की मौत संदिग्ध हालात में हुई थी। इस दौरान सरकार को विपक्षी दलों ने हमला करते हुए आरोप लगाया था शराब बंदी के बाद से राज्य में अवैध कारोबार तेजी से बढ़ा है।
मौजूदा वर्ष के जुलाई माह में पश्चिमी चंपारण में 16 लोगों ने जहरीली शराब से दम तोड़ दिया और कई लोगों ने आंखों की रोशनी हमेशा हमेशा के लिए खो दी। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद अवैध शराब का धंधा जोरों पर है जिसे रोक पाने में सरकार नाकाम दिख रही है और आम लोग उसकी इस असफलता का खामियाजा भुगत रहे हैं।