सभी धार्मिक तीज-त्योहारों पर अवकाश, मगर महिलाओं के संघर्ष को आगे बढ़ाने के दिन 8 मार्च को सरकार क्यों नहीं करती सार्वजनिक छुट्टी !

रामनगर। महिला एकता मंच द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर साप्ताहिक कार्यक्रमों की कड़ी में ग्राम वीरपुर लच्छी में जनसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्राओं ने जनगीत एवं नृत्य भी प्रस्तुत किये।
सभा का संचालन करते हुए लक्ष्मी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हम महिलाओं की आजादी और संघर्ष की विजय का दिन है। खनन माफिया के खिलाफ संघर्ष से ही हमने अपनी एकता को मजबूत किया है। लक्ष्मी ने कहा कि सरकार ने सभी धार्मिक तीज, त्योहारों पर अवकाश घोषित किया है, परंतु 8 मार्च जो हम महिलाओं के संघर्ष को आगे बढ़ाने का दिन है, सरकार इस दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं कर रही है।
समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि महिलाओं को स्वतंत्रता और समानता के नाम पर लाया गया समान नागरिक कानून महिलाओं के अधिकारों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं करता है, बल्कि इस कानून के द्वारा महिलाओं के ऊपर राज्य की निगरानी को थोप दिया गया है।
उन्होंने बताया कि यूसीसी के अंतर्गत उत्तराखंड के सभी नागरिकों को अपने विवाह, तलाक, जीवनसाथी की मृत्यु व लिविंग रिलेशनशिप के पंजीकरण को अनिवार्य बना दिया गया है। इसके तहत जिनकी शादी 50-60 वर्ष पूर्व भी हो चुकी है, उन बुजुर्गों को पंजीकरण कराने के लिए 16 पन्नों का फॉर्म भरना अनिवार्य होगा। जन कल्याणकारी योजनाओं को भी उच्च के साथ जोड़ दिया गया है इसका सीधा सा मतलब है कि जो भी यूसीसी के तहत पंजीकरण नहीं कराएगा, सरकार उसकी वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, राशन तथा अन्य तरह की जन कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर सकती है। अतः जनता द्वारा इस कानून को खारिज कर देना चाहिए।
जनसभा को संबोधित करते हुए उपपा नेता प्रभात ध्यानी ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्या मामले स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार व पुलिस अपराधियों को बचाना चाहती है। भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा ढकोसला बनकर रह गया है।
धन्नो देवी ने बुक्सा जनजाति के सहयोग के लिए क्षेत्र के सामाजिक राजनीतिक संगठनों का आभार व्यक्त किया। सभा में सरस्वती जोशी, कौशल्या, नीलू रस्तोगी, शाहिस्ता अंसारी, धन्नो देवी, आसिफ समेत कई लोगों द्वारा अपने विचार रखे गए।
कार्यक्रम में देवी चौड़ा, पुछड़ी व वीरपुर लच्छी से सुनीता मालती देवी, दीक्षा देवी, ममता देवी, चंपा देवी, धनु देवी, फूलो देवी, जयंतो देवी, कमल, प्रेमी राधा, पलक शैलोनी, विनीता, प्रीति, महक, माया के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।