UP : चुनावी घमासान के बीच कुशीनगर हादसे ने खोली योगी के सुशासन की पोल, अब बाबा क्या देंगे जवाब?
UP Election 2022 :कुशीनगर हादसे के बाद लोग पूछ रहे हैं, योगी जी आपकी राम राज वाली एंबुलेंस कहां खो गई।
UP Election 2022 : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) सुशासन दावा आये दिन करते रहते हैं, लेकिन प्रदेश में चुनावी घमासान के बीच कुशीनगर हादसे ( Kushinagar accident ) ने उनके इस सुशासन ( Yogi Sushasan ) की पोल खोलकर रख दी है। दिल दहलाने वाली हादसे में बीती रात शादी के मौके पर नौ लड़कियों समेत 13 महिलाओं की मौत हो गई, लेकिन योगी की आपातकालीन एंबुलेंस सेवा ( Emergency ambulance sewa ) मौके पर घंटो बाद बार-बार फोन करने के बावजूद नहीं पहुंच पाई।
अब लोग पूछ रहे हैं, योगी जी की एंबुलेंस कहां खो गई, कहीं आपने एंबुलेंस को भी तो चुनाव प्रचार ड्यूटी पर नहीं लगा दी। अहम सवाल यह है कि यदि ऐसा नहीं है, तो समाजवादी सेवा के तहत दस साल पहले शुरू हुई आपातकालीन एंबुलेंस सेवा ( Emergency ambulance sewa ) कहा खो गई? स्थानीय प्रशासन ने इस सेवा का समय रहते इस्तेमाल क्यों नहीं किया?
अगर विपक्षी दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उछाला कि किसी हादसे में 13 लोगों की मौत हो जाए, कई लोग घायल हो जाएं और मौके पर पुलिस भी पहुंच गई हो, इसके बावजूद जनता की सहायता के लिए योगी बाबा की आपात एंबुलेंस न पहुंचे तो आप क्या कहेंगे, योगी की सेवा या जनता की सेवा। चुनाव प्रचार के दौरान अगर कोई पूछता है तो यह पूरी तरह से वाजिब होगा। ऐसा इसलिए कि आखिर आपात सेवा होती किस बात के लिए। क्या सीएम योगी ने अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान इस सेवा की कभी समीक्षा नहीं की। अगर ऐसा है तो यह लापरवाही अब उन्हें महंगा पड़ेगा।
कहां खो गई 108 और 102 नंबर की आपता सेवा
बता दें कि यूपी में आपात स्थिति में 108 और 102 नंबर पर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध है। इसके लिए उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में 14 सितंबर, 2012 को 108 एम्बुलेंस सेवा यानि समाजवादी स्वास्थ्य सेवा ( Samajwadi swasthya Sewa ) शुरू हुई थी। जबकि 17 जनवरी 2014 को 102 एम्बुलेंस सेवा ( नेशनल एम्बुलेंस सर्विस ) की शुरुआत हुई थी। आपात स्थिति में निशुल्क एंबुलेंस सेवा का इस्तेमाल 24*7 जनहित में किया जा सकता है। 108 नंबर को किसी भी फोन से डायल किया जा सकता है। ये नंबर समाज के सभी वर्ग के लिए है। इस नंबर को किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर किया जा सकता है। जैसे पेट में तेज दर्द होने, सांस में दिक्कत होने पर. दिल का दौरा पड़ने, जानवरों के काटने, अचानक बेहोश होने, किसी तरह के कोई अपराध होने, आग लगने पर फायर बिग्रेड और एम्बुलेंस की आवश्यकता हो, आप इस पर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा 102 सेवा एक निशुल्क एम्बुलेंस सेवा है, जो 24*7 लोगों की सेवा में होती है। गर्भवती महिला को घर से अस्पताल तक लाने और फिर उसे वापस घर तक छोड़ने के लिए मिलती है। इसके अलावा अच्छे इलाज के लिए गर्भवती महिला और शिशु को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल तक छोड़ा जाता है।
कुशीनगर हादसे ( Kishinagar accident ) के बाद सवाल यह है कि आपात एंबुलेंस सेवा कहां खो गई। क्या योगी की एंबुलेंस पार्टी के चुनाव प्रचार ड्यूटी पर लगा दी गई है? अगर नहीं तो तीन किलोमीटर की दूरी पर अस्पताल होने के बावजूद एंबुलेंस मौके पर क्यों नहीं पहुंची। घटना के बाद लोग डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस के लिए फोन मिलाते रहे, हर बार जवाब मिलता कि बस पहुंच रही है, लेकिन मौके पर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची, क्यों?