Uttar Pradesh News : कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के सामने आपस में भिड़े BJP नेता, मीटिंग में जमकर चले लात-घूंसे, वीडियो वायरल
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के सामने ही बीजेपी नेता भिड़ गए, बीजेपी नेता और विधायक के बीच चलती मीटिंग में ही बहस हो गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया...
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के सामने ही बीजेपी नेता भिड़ गए। बीजेपी नेता और विधायक के बीच चलती मीटिंग में ही बहस हो गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। योगी सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद मुरादाबाद मंडल की समीक्षा बैठक के लिए सर्किट हाउस पहुंचे थे। बैठक के दौरान मुरादाबाद शहर के बीजेपी विधायक रितेश गुप्ता और बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चे के प्रदेश कार्यकारणी सदस्य मनमोहन सैनी के बीच विकास कार्यों पर बहस शुरू हुई। दोनों नेताओं मंत्री के सामने ही गाली-गलौज और मार-पिटाई शुरू कर दी।
मीटिंग में जमकर चले लात-घूंसे
बता दें कि ये हंगामा बैठक में मौजूद महापौर विनोद अग्रवाल, एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त, भाजपा महानगर अध्यक्ष समेत तमाम पदाधिकारी के सामने हुआ। मनमोहन सैनी का आरोप है कि इस विवाद के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने सर्किट हॉउस के दूसरे कमरे में उन पर हमला किया और लात-घूंसों से उन्हें मारा-पीटा गया और जान लेने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि वे अपने साथ हुई इस घटना की शिकायत थाने में करेंगे।
सपा और आप ने वीडियो ट्वीट कर बोला हमला
इस वीडियो के वायरल होते ही सपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी। सपा ने वीडियो ट्वीट करके लिखा है कि 'धत्त तेरी, लत्त तेरी, हट्ट तेरी, लात घूंसे और जूतम पैजार करते भाजपाई देखिए। ये राजकोष की बंदरबांट हेतु इकट्ठा हुए पार्टी विद डिफरेंस वाले भाजपाई हैं, जो कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के सामने बाहें चढ़ाकर अपने जूतम पैजार शक्ति का प्रदर्शन कर रहे। यही तो इनका असली चेहरा है।
वहीं इस वीडियो पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि समय-समय पर भाजपा अपने गुंडे और लफंगे होने का चारित्रिक प्रमाण देती रहती है। PWD मंत्री जितिन प्रसाद की मीटिंग में जिस तरह से भाजपाईयों ने आपस में ही गाली-गलौज और जूते-चप्पल चलाये वो इनकी ओछी मानसिकता को बताता है। जो अपने ही नेताओं को नही संभाल पा रहे वो प्रदेश क्या संभालेंगे।
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