Uttar Pradesh News : पिता को मृत दिखाकर युवती ने पाई सरकारी नौकरी, डेढ़ साल बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

Uttar Pradesh News : स्वास्थ्य विभाग में एक लड़की ने सरकारी नौकरी पाने के लिए अपने पिता को कागजों में मृत दिखाकर डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया था और सरकारी नौकरी हासिल की थी, पिता को मृत दिखाकर आश्रित से कोटा के जरिए फर्जी नियुक्ति पाने वाली लड़की को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है...

Update: 2022-07-15 12:15 GMT

Uttar Pradesh News : पिता को मृत दिखाकर युवती ने पाई सरकारी नौकरी, डेढ़ साल बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के औरैया (Auraiya) जिले से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य विभाग में एक लड़की ने सरकारी नौकरी पाने के लिए अपने पिता को कागजों में मृत दिखाकर डेथ सर्टिफिकेट बनवा लिया था और सरकारी नौकरी हासिल की थी। पिता को मृत दिखाकर आश्रित से कोटा के जरिए फर्जी नियुक्ति पाने वाली लड़की को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि करीब 1 साल पहले सीएचसी अधीक्षक द्वारा लड़की की फर्जी नौकरी लेने के दौरान दोषी पाए जाने और जांच के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के औरैया के एरवाकटरा थाना क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग में पहले से ही काम कर रहे पिता रघुवीर सिंह को मृतक दिखाकर और फर्जी दस्तावेज बनवाकर दीपशिखा नाम की लड़की ने नौकरी हासिल की। करीब डेढ़ साल तक नौकरी का वेतन लेने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक लगी तो नौकरी कर रही लड़की के दस्तावेजों की जांच कराई गई। सीएमओ ने इस मामले की पूर्णता जांच कराई। इसके बाद जांच में दीपशिखा गलत तरीके से नौकरी करने और फर्जी सर्टिफिकेट लगाने में दोषी साबित हुई। जिसके बाद उस युवती पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उसे नौकरी से भी निकाल दिया गया और तब से वह फरार चल रही थी। वहीं पुलिस का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे नियुक्ति पाने के मामले में वांछित चल रही दीपशिखा को मुखबिर की सूचना पर छिबरामऊ रोड स्थित पेट्रोल पंप से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पिता को मृत दिखाकर आश्रित कोटा से ली थी नौकरी

वहीं इस मामले में जानकारी देते हुए एरवाकटरा सीएससी अधीक्षक मोहित कुमार ने बताया है कि मैनपुरी जिले की रहने वाली दीपशिखा के खिलाफ 2021 में एरवाकटरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं चिकित्सा अधिकारी के द्वारा बताया गया कि आरोपी दीपशिखा अपने पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे के द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी नौकरी कर रही थी और वेतन भी ले रही थी। इसके डेढ़ साल बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। 

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