बिकरू कांड: विकास दुबे से सांठगांठ रखने वाले 13 लेखपालों पर हेराफेरी करने के मामले में गिरेगी गाज
जिन लेखपालों पर बिकरू डाॅन विकास दुबे से सांठगांठ कर हेराफेरी करने का आरोप है उनमें ऋषभ दुबे, राम लखन, अनिल कुमार, सुशील कुमार, रामेश्वर, बालादीन, रवि प्रकाश, कमलेश कुमार शामिल हैं...
कानपुर, जनज्वार। चर्चित बिकरू कांड मामले में एसआईटी जांच में शहर और देहात की तहसीलों में जमे 13 लेखपालों को विकास से सांठगांठ कर हेराफेरी करने का दोषी पाया गया है। आरोप है कि इन लोगों ने विकास दुबे और उसके साथियों को जमीन की हेराफेरी कर फायदा पहुंचाया है। अब इन सभी लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
बीते दिनों एसआईटी की तरफ से दिए गए लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश के बाद मंडलायुक्त ने डीएम को निर्देश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कार्रवाई कर इसकी रिपोर्ट उन्हें दी जाए। जिन लेखपालों पर आरोप है उनमें ऋषभ दुबे, राम लखन, अनिल कुमार, सुशील कुमार, रामेश्वर, बालादीन, रवि प्रकाश, कमलेश कुमार शामिल हैं। ये सभी लेखपाल कानपुर नगर और देहात की अलग अलग तहसीलों में तैनात हैं।
इन सभी के अलावा विकास के गांव बिकरु में 1992 को नियुक्त कानपुर देहात के रूरा में फरवरी 2008 को नियुक्त, अगस्त 2008 को बिल्हौर में नियुक्त और मई 2008 को बिल्हौर में तैनात रहे लेखपालों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा हैरतअंगेज तथ्य यह है कि बिकरू मामले में दर्ज किए गए नए केसों में फरार हुए एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है, जबकि इनकी गिरफ्तारी के लिए आईजी मोहित अग्रवाल ने 24 नवंबर को विवेचना पूरी कर आरोपियों को जेल भेजने के निर्देश दिए थे। एसआईटी की जांच में सामने आया था कि विकास की पत्नी रिचा, पिता रामकुमार दुबे, दीपक दुबे और उसकी पत्नी अंजली सहित अमित, दिनेश कुमार, रविन्द्र कुमार, अखिलेश, गुड्डन त्रिवेदी व उसकी पत्नी कंचन व राजू बाजपेई शामिल थे। इन पर आरोप थे कि फर्जी आईडी से सिम चला रहे थे।
इनमें से ज्यादातर लोगों ने फर्जी शपथपत्र देकर शस्त्र लायसेंस भी हासिल किए थे। जिसके बाद चौबेपुर थाने में 2 मुकदमे, बजरिया, नजीराबाद और नबाबगंज में एक एक मुकदमा दर्ज हुआ था। तो कानपुर देहात में तीन मुकदमे दर्ज हुए थे। इन सभी की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस बीच रिचा सहित कुछ अन्य आरोपी पहले से ही जेल में हैं।